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#MeToo: 31 अक्टूबर को कोर्ट में दर्ज होंगे पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के बयान

बुधवार को विदेश मंत्री के पद से एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया।
 

Oct 18, 2018 / 03:02 pm

Saif Ur Rehman

metoo

#MeToo: एमजे अकबर बनाम प्रिया रमानी मानहानि केस शुरू, अदालत में पहुंचे वकील

नई दिल्ली। आज से एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ किए गए मानहानि के मामले में सुनवाई शुरू हो गई है। अब अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। गुरुवार को एमजे अकबर की तरफ से वकील गीता लूधरा पैरवी करने पहुंची। उन्होंने कहा, “लेख के ट्वीट को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मीडिया ने बदनामी के तौर पर दिखाया। जब तक पत्रकार रमानी कुछ साबित नहीं कर देती यह ट्वीट अपमानजनक हैं। प्रिया रमानी के ट्वीट और रिट्वीट से एमजे अकबर की प्रतिष्ठा को दाग लगा । सोशल मीडिया पर ट्वीट आने के बाद उसे 1200 से अधिक रिट्वीट और लाइक मिले, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।” अब एमजे अकबर 31 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट में अपना बयान रिकॉर्ड करेंगे।
https://twitter.com/hashtag/metoo?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
#MeToo का पहला मामला जो अदालत पहुंचा

देश में एक अलग ही तरह की मुहिम को आंदोलन बनाने वाले #MeToo की आंच में विदेश मंत्री तक को इस्तीफा देना पड़ा है। #MeToo का ये पहला मामला है जिसकी सुनवाई कोर्ट में हो रही है।
खुश हुईं पत्रकार

अकबर के खिलाफ सबसे पहले आरोप लगाने वाली और मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहीं पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर के इस्तीफे के बाद कहा, “उनके रुख की पुष्टि हुई।” रमानी ने ट्वीट किया, “एक महिला के तौर पर, एम.जे. अकबर के इस्तीफे से हम सही साबित हुए हैं। मैं उस दिन की ओर देख रही हूं, जब मुझे अदालत से भी न्याय मिलेगा।”
क्या है मामला?

एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने लगाए हैं यौन उत्पीड़न के आरोप एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है और इन आरोपों को समाज में उनकी छवि को धूमिल करने वाला करार दिया है। प्रिया रमानी के अलावा पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने भी उनके इस्तीफे पर खुशी जाहिर की है। सुपर्णा शर्मा ने अकबर पर ‘उनकी ब्रा की स्ट्रेप खींचने का आरोप लगाया है।’ सुपर्णा ने कहा है कि उनके इस्तीफे से ही लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। सुपर्णा शर्मा ने कहा कि अकबर को बयान देने के बदले भारत पहुंचते ही तत्काल इस्तीफा देना चाहिए था।

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