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विदिशा

एमपीडब्ल्यू का बेटा बिना डिग्री 20 साल से चला रहा था अस्पताल, अब हुई एफआइआर

पत्रिका की खबर के बाद वर्धा पहुंचा प्रशासन

विदिशाMay 07, 2021 / 10:10 pm

govind saxena

एमपीडब्ल्यू का बेटा बिना डिग्री 20 साल से चला रहा था अस्पताल, अब हुई एफआइआर

एमपीडब्ल्यू का बेटा बिना डिग्री 20 साल से चला रहा था अस्पताल, अब हुई एफआइआर

विदिशा. कोरोना संक्रमण काल में भी बेखौफ अपने खेत पर ही अस्पताल बनाकर लोगों को भर्ती करने और बिना डिग्री के इलाज करने वाले डॉक्टर का वीडियो वायरल होने और खबर पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन शुक्रवार को वर्धा पहुंचा और खेत पर चल रहे अस्पताल की पड़ताल शुरू की और फिर शमशाबाद थाने में कथित डॉक्टर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई।
इससे पहले की शुक्रवार को वर्धा में प्रशासन की जांच टीम पहुंचती, कथित डॉक्टर अब्दुल करीम खान मौके से गायब हो गया और दवाएं तथा ग्लूकोज की बॉटल, भर्ती करने की बैंचें आदि सब गायब कर दी गईं। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने जब फोन से अब्दुल करीम से बात की तो उसने बताया कि उसके पास कोई डिग्री नहीं है, उसके पिता एमपीडब्ल्यू थे और वह बिना डिग्री के ही करीब 20 साल से यहां इलाज कर रहा है। प्रशासन ने कथित डॉक्टर के खिलाफ एफआइआर की तैयारी कर ली है।

तहसीलदार हर्ष विक्रम सिंह, बीएमओ डॉ. नीतूसिंह राय सहित पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे जांच दल को मौके पर अब्दुल करीम नहीं मिला। उसके परिजन मिले, जिन्होंने बताया कि यहां वे बीस साल से पे्रक्टिस कर रहे हैं। प्रशासन ने अंदर जाकर देखा तो ग्लूकोज की बॉटल, आइवी सेट आदि मौके पर नहीं मिले, कुछ सामान्य दवाएं जरूर रखीं थीं। इस दौरान अब्दुल करीम के इस अस्पताल के बाहर करीब सौ से ज्यादा लोग एकत्रित हो गए थे, जो करीम पर प्रशासन की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। तहसीलदार ने उनको समझाने का प्रयास किया। इसके बाद अधिकारियों ने वहीं से मोबाइल के जरिए अब्दुल करीम से बात की। तहसीलदार ने बताया कि मोबाइल पर करीम ने स्वीकार किया है कि उसके पास कोई डिग्री नहीं है, उसके पिता एमपीडब्ल्यू थे, इसके बाद वह भी इलाज करने लगा। कुछ देर पड़ताल और ग्रामीणों से चर्चा के बाद प्रशासन की टीम वापस आ गई।

खुले में आइवी ड्रिप देने का पंचनामा
बीएमओ डॉ. नीतूसिंह राय द्वारा एसडीएम को दिए पत्र पत्रिका की खबर का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि खेत में अस्पताल वाली पत्रिका में छपी खबर पर वर्धा के अब्दुल करीम के घर जाकर टीम ने जांच की, जिसमें क्लीनिक में उपयोग की जाने वाली 4 बैंच और एक टेबिल पर कुछ दवाएं मिली हैं, जो पैरासिटामॉल, सिट्रीजिन, डाइक्लोफेनिक, मल्टीविटामिन, मिफेनिक एसिड, रेनिप्रोजोल, ओमिप्रोजोल, बी कॉम्पलेक्टस आदि थीं। इसके अलावा पटवारी जीतेंद्र गड़वाल द्वारा तैयार किए पंचनामे में अब्दुल करीम द्वारा बीमार व्यक्ति को आइवी ड्रिप खुले में देना दिखाया गया है।
ऐसी प्रेक्टिस मानव जीवन के लिए खतरनाक
बीएमओ डॉ. नीतूसिंह राय ने एसडीएम को दिए पत्र में लिखा है कि जांच में पाया गया है कि अब्दुल करीम के पास किसी भी पैथी की कोई डिग्री नहीं है। ग्रामीणो द्वारा बताया गया है कि करीम द्वारा वर्धा में करीब 20 वर्ष से ये मेडिकल प्रेक्टिस की जा रही है। करीम द्वारा ऐसी मेडिकल प्रेक्टिस की जाना मानव जीवन के लिए खतरनाक है, बिना किसी डिग्री के ऐसा किया जाना नियम विरुद्ध है
इन धाराओं के तहत एफआइआर
शमशाबाद पुलिस ने बीएमओ डॉ. नीतूसिंह राय की रिपोर्ट पर आरोपी वर्धा निवासी अब्दुल करीम खान पर मप्र राज्य आयुर्विज्ञान परिषद एक्ट की धारा 24 तथा भादंवि की धारा 336 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

वर्जन…
मौके पर कथित डॉक्टर अब्दुल करीम नहीं मिला। उसने फोन पर स्वीकार किया है कि उसके पास कोई डिग्री नहीं है, पिता एमपीडब्ल्यू थे, इसके बाद वह इलाज करने लगा। मौके पर ज्यादा कुछ नहीं मिला। बिना डिग्री उपचार करने के आरोप में उसकी एफआइआर कराई गई है।
-हर्षविक्रम सिंह, तहसीलदार, शमशाबाद
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