आपको बता दें कि डेथ वारंट के हिसाब से निर्भया के दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच फांसी की सजा दी जानी है।
मेट्रो में करते हैं सफर तो आपको है कोरोनावायरस का सबसे बड़ा खतरा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।
उन्होंने अदालत को बताया कि दोषियों के वकील ए पी सिंह झूठी सूचना दे रहे हैं कि पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका लंबित है और उन्होंने कहा कि सभी दोषियों ने अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है।
अक्षय की तलाक याचिका से मतलब नहीं
सिंह ने यह भी कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है जो अभी लंबित है। इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है।
इतना नहीं निर्भया की वकील ने कहा है कि मुझे यकीन है कि सभी दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़ें पांच बजे फांसी की सजा होगी। न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दिया। दोषी ने 2012 में हुए इस अपराध के समय नाबालिग होने का दावा किया था।
न्यायमूर्ति एन.वी. रमण के नेतृत्व में छह न्यायाधीशों की एक पीठ ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मामला नहीं बनता। पीठ ने कहा, ”मौखिक सुनवाई का अनुरोध खारिज किया जाता है।
हमने सुधारात्मक याचिका और संबंधित दस्तावेजों पर गौर किया। हमारे अनुसार यह कोई मामला नहीं बनता… इसलिए हम सुधारात्मक याचिका को खारिज करते हैं। पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर. एस. बोपन्ना भी शामिल थे।
मौसम विभाग ने जारी की अब तक की सबसे ब़डी चेतावनी, कई राज्यों में बढने वाला है कोरोनावायरस का खतरा कोर्ट के बाहर बेहोश हुई अक्षय की पत्नीसुनवाई के बाद दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर बेहोश हो गई। उसने बेहोश होने से पहले कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी दे दी जाए।
अदालत के बाहर चीखते हुए उसने कहा, च्च्मुझे भी न्याय चाहिए। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है।