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छिंदवाड़ा

अब आउटर पर नहीं रूकेगी ट्रेनें

नागपुर-कलमना रूट पर गाडिय़ों की भरमार व एक ही लाइन होने के कारण घंटों आउटर पर खड़े रहने की परेशानी अब दूर होने वाली है। दरअसल कलमना डबलिंग ओके हो गई ह

छिंदवाड़ाDec 01, 2017 / 11:32 pm

sanjay daldale

Now the trains will not stop at the outer

Now the trains will not stop at the outer

यात्रियों को नहीं होगी परेशानी
अब आउटर पर नहीं रूकेगी ट्रेनें

नागपुर . नागपुर-कलमना रूट पर गाडिय़ों की भरमार व एक ही लाइन होने के कारण घंटों आउटर पर खड़े रहने की परेशानी अब दूर होने वाली है। दरअसल कलमना डबलिंग ओके हो गई है। शीघ्र ही यहां से यात्री गाडिय़ों को 90 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। ऐसे में हावड़ा लाइन की गाडिय़ों को तेजी मिलेगी। गत सप्ताह सीआरएस द्वारा निरीक्षण के बाद इस पर गाडिय़ों का संचालन कराने की अनुमति मिल गई है। नागपुर से कलमना को जोडऩे के लिए केवल एक ही लाइन बनी थी, लेकिन यहां गाडिय़ों का आवागमन क्षमता से अधिक है, जिसके कारण हावड़ा से आने वाली गाडिय़ों को कई घंटों तक आउटर पर खड़ा किया जाता है। यह स्थिति यात्री परेशानी के साथ रेलवे के राजस्व को घटाने के लिए भी कारगर साबित हो रही है। परिणामस्वरूप नागपुर-कलमना को जोडऩे के लिए एक और लाइन की दरकार बन गई थी। इस संबंध में लगातार ध्यानाकर्षित करने के बाद दपूम रेलवे नागपुर की सीमा में इस लाइन को साकार करने की घोषणा रेल बजट 2007-08 में की गई। कुल 37 करोड़ से यहां नई लाइन बनाने का तय हुआ था। अतिक्रमण की समस्या से जूझने के बाद कुछ दिनों का ब्लाक लेकर रेलवे ने इस लाइन को सिग्नलिंग यंत्रणा से जोड़ दिया था, लेकिन एक माह से सीआरएस के निरीक्षण के लिए इसे अटकाया गया था। ऐसे में यहां से केवल मालगाडिय़ों का ही आवागमन किया जा रहा था। गत सप्ताह शुक्रवार को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से कलमना-डबलिंग का सफल निरीक्षण किया गया। लाइट इंजन व ऑब्सरवेशन कार से इतवारी से कलमना व कलमना से कामठी लाइन की नब्ज टटोली गई। इस अवसर पर दपूम रेलवे नागपुर के डीआरएमए चीफ इंजीनियर (निर्माण), मुख्यालय के अधिकारी भी मौजूद थे।
डबलिंग का सफल निरीक्षण के बाद सीआरएस की ओर से यहां से गाडिय़ों को संचालित करने के लिए अधिकृत तौर पर अनुमति बाकी थी, जिसे 27 नवंबर को पूरा किया गया। दपूम रेलवे नागपुर मंडल को इस संबंध में प्रमाण-पत्र देकर यहां से यात्री गाडिय़ों का आवागमन 90 किमी की रफ्तार करने को कहा है। हालांकि अधिकारियों की मानें तो मामूली काम को पूरा करने में एक या दो दिन लग सकते हैं। अमरावती-नरखेड़ लाइन पर कुछ स्टेशनों पर अब गाडिय़ां नहीं रुकेंगी। इन स्टेशनों में पालाए कोलविहिर एवं आष्टेगांव स्टेशनों का समावेश है। साथ ही यहां गाडिय़ों का स्टॉपेज भी 1 दिसंबर से बंद किया जाएगा। यात्री नहीं मिलने से तथा टिकट बिक्री न के बराबर होने से रेलवे ने यह निर्णय लिया है। गत एक वर्ष पहले उपरोक्त लाइन का निर्माण हुआ है। ऐसे में यहां से चुनिंदा गाडिय़ों को चलाया जाता है। लाइन पर छोटे-छोटे गांव होने से यहां यात्री सुविधा के लिए कुछ महीनों से कुछ गाडिय़ों का स्टॉपेज दिया थाए लेकिन इन गाडिय़ों की टिकट बिक्री उक्त स्टेशनों पर न के बराबर है। ऐसे में यह स्टेशन रेलवे का घाटा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार साबित हो रहा था। इसलिए यहां गाडिय़ों का स्टॉपेज बंद किया गया है। इन स्टेशनों पर दिया गया। पैसेंजर गाडिय़ों का स्टापेज 1 दिसंबर 2017 से समाप्त कर दिया गया है।
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