इस चार्जशीट के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद ( Umar Khalid ) दिल्ली हिंसा का मास्टरमाइंड है। उन्होंने CAA के खिलाफ लोगों को भड़काया और फिर हिंसा की साजिश रची। इतना ही नहीं, खालिद के सहयोगी तबरेज ने बकायदा पथराव करने के लिए बंगाली बोलने वाली 300 महिलाओं को भी भेजा।
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इसके अलावा CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों ( Bangladeshi citizens ) को शामिल करने की योजना पर भी काम कर रहा था। बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा रचने का मामले में आतंकरोधी कानून अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट ( UAPA ) के तहत पहले ही उमर खालिद को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके साथ ही आईपीसी (IPC) की कई संगीन धाराओं और ऑर्म्स एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है।
12 मिनट की कॉल डिटेल्स का राज
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार्जशीट में लिखा कि 2016 में जेएनयू कैंपस में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाह अल्लाह इंशा अल्लाह’ के नारे लगाने के बाद देशद्रोह का आरोपी उमर खालिद 2020 तक काफी दूर पहुंच चुका है। खालिद ने दिल्ली में आपराधिक हिंसा की साजिश रची और टेररिस्ट एक्ट किया। साथ ही 2020 में ‘तेरा मेरा रिश्ता क्या है ला इलाहा इलल्लाह’ का नारा भी दिया।
चार्जशीट में कई तरह के सबूत पेश किए गए हैं। इसमें उमर खालिद के सीलमपुर में मीटिंग करते हुए फोटो, व्हाट्सऐप चैट, कॉल डिटेल्स आदि तमाम चीजें शामिल है। चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा के ठीक एक दिन पहले उमर खालिद 23 फरवरी को इंडिगो की फ्लाइट से समस्तीपुर गया था। इसके बाद वह इस पूरी हिंसा को पीछे से कंट्रोल कर रहा था।
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इस चार्जशीट में 720 सेकेंड यानी 12 मिनट के एक कॉल डिटेल का जिक्र किया गया है। यह कॉल 24 फरवरी की है। इस दिन पिंजड़ा तोड़ की सदस्य नताशा शाम को 7 बजे गिरफ्तार हो चुकी थी। इसी दौरान नताशा उमर खालिद को पूरा अपडेट दे रही है।
सबसे बड़ी बात ये है कि उमर खालिद जिस DPSG ग्रुप का सदस्य था उसी ग्रुप के एक सदस्य ने लिखा कि तुमलोगों का क्या मकसद है मैं सबकुछ जान चुका हूं और सभी को एक्सपोज कर दूंगा। इसके बाद से ग्रुप के सभी सदस्यों में हड़कंप मच गया और नताशा ने फौरन खालिद से बात करते हुए पूरी जानकारी दी।
पथराव में 300 बंगाली बोलने वाली महिलाएं शामिल
इस चार्जशीट में कई खुलासे किए गए हैं, जिसमें एक और सबसे महत्वपूर्ण कॉल डिटेल का जिक्र है। यह कॉल तबरेज नाम के शख्स और जाह्नवी मित्तल नाम की महिला के बीच की है। दिल्ली हिंसा में पथराव करने के लिए 300 बंगाली बोलने वाली महिलाओं को जहांगीरपुरी से सीलमपुर, जाफराबाद तबरेज नाम के शख्स ने ही भेजा था और इसी सिलसिले में दोनों के बीच बातचीत हुई थी।
सभी महिलाओं को 7 बसों में जाफराबाद लाया गया था। 23 फरवरी को पहले सभी महिलाओं को शाहीन बाग प्रदर्शन की जगह पर ले जाया गया था। चार्जशीट में कहा गया है कि अधिकतर महिलाएं बुर्के में थी और हिंसा के दौरान पथराव में शामिल थी।
इन महिलाओं के हिंसा में शामिल किए जाने की बात को लेकर जाह्नवी ने तबरेज को कॉल करके हिदायत दी थी कि वह किसी को भी कभी ये नहीं बताएगा कि उसने 300 महिलाओं को बसों में भरकर जहांगीरपुरी से जफराबाद और सीलमपुर भेजा था।