आपको बता दें कि बरगाड़ी और अन्य स्थानों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की क्रमबद्ध घटनाओं के बाद 14 अक्टूबर, 2015 को बहबल कलाँ में शांतमयी ढंग से धरने पर बैठे निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग हुई। गोलीबारी के लिए जि़म्मेदार पुलिस टीम ने अपने बचाव के लिए एक साजिश गढ़ी। उनकी तरफ से अपने बचाव की कहानी की हिमायत के लिए उस समय के मोगा के एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा की पायलट जिप्सी पर जाली गोलियों के निशान लगा कर झूठे सबूत गढ़े गए। शर्मा के ड्राइवर गुरनाम सिंह, जो कि एस्कोर्ट व्हीकल चला रहा था, ने पुष्टि की है कि उसकी मारुति जिप्सी पर कोई गोली नहीं चलाई गई थी।