तीन साल में जासूसी के आरोप में 3 सैनिक हुए गिरफ्तार
उन्होंने यह भी कहा कि सात पूर्व सैनिकों को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है
नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि गत तीन सालों के दौरान जासूसी के आरोप में तीन सैन्यकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सात पूर्व सैनिकों को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पर्रिकर ने कहा, गत तीन सालों के दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी की गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में तीन सैन्यकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, ऐसी घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां किस तरह काम करती हैं, इनके बारे में सैन्यकर्मियों को नियमित रूप से बताया जाता है। ऐसी खुफिया जानकारियों में सेना की तैनाती, उनकी गतिविधियां, प्रशिक्षण एवं अभ्यास, वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती, सामरिक नंबर आदि होती हैं।
जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के सदस्य हरिवंश ने इस मुद्दे पर सवाल किया था। उन्होंने कहा कि संसद के पिछले सत्र में गृह राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में पिछले तीन सालों में 11 सैनिक एवं पूर्व सैनिक गिरफ्तार किए गए हैं।
पर्रिकर ने जवाब में स्पष्ट किया, यह जो सैन्य अधिकारी अभी सेवा में हैं, उनके बारे में है। इन तीनों के अलावा सात पूर्व सैन्यकर्मी भी गिरफ्तार किए गए हैं। सरकार इस स्थिति को रोकने के लिए क्या कर रही है? इस सवाल के जवाब में पर्रिकर ने कहा कि आईएसआई के जाल में फंसने से बचने के लिए रक्षा कर्मियों को संवेदनशील बनाया जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा, यदि आप देखेंगे तो पाएंगे कि ये सैन्यकर्मी बहुत ऊंचे रैंक के अधिकारी नहीं हैं। ये सामान्य जवान और जूनियर कमीशन अधिकारी हैं। इनमें से बहुतों को इन गतिविधियों में फंसाया गया है। इसलिए हम लोग सैन्यकर्मियों को
संवेदनशील बना रहे हैं ताकि वे जाल में नहीं फंसें।
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