ऑटो चालक चेलाराम ने कहा कि दीपक पहली बार अपनी बाइक नहीं लेकर गया और अपने दोस्त की बाइक पर गया था। उन्होंने बताया कि बेटे को अंत्येष्टि के लिए ले गए हैं। उनक समाज में बेटा पिता की अंत्येष्टि में जाता है, लेकिन पिता, बेटे की अंत्येष्टि में नहीं जा सकता है। दीपक के साथ भजन मंडली में पायल की बहन मनीषा भी काम करती थी।
देखने वाले 200 लोगों की भीड़ थी और सड़क पर लहूलुहान पड़ी थी बहन हादसे में मृत पायल की बहन मनीषा ने बताया कि गुरुवार देर रात 12 बजे खाटूश्यामजी के लिए दो बाइक से छह लोग निकले थे। देर रात करीब साढ़े तीन बजे खाटूश्यामजी पहुंचे, लेकिन वहां पर बहुत भीड़ थी और बहुत लंबी दर्शनार्थियों की लाइन थी। चार पांच घंटे में नंबर आने पर लेट हो जाने की बजह से बिना दर्शन करें ही शुक्रवार तड़के चार बजे जयपुर के लिए वापस लौट गए थे। पायल, दीपक और सुमित एक बाइक पर आगे चल रहे थे। उनसे करीब चार पांच किलोमीटर मनीषा दूसरी बाइक पर थी। मनीषा ने कहा कि सुबह करीब साढ़े छह बजे खिरणी फाटक पुलिया के पास जाम लग रहा था। करीब 200 लोग सड़क पर पड़े घायलों को देख रहे थे। भीड़ देख मनीषा और उसके साथी उधर वहां पहुंचे। सड़क पर देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। लहूलुहान पायल, सुमित और दीपक सड़क पर पड़े थे। मनीषा एम्बुलेंस बुलाने के लिए चिल्लाई, तब किसी ने फोन किया और पन्द्रह बीस मिनट बाद एम्बुलेंस वहां पहुंची। तब तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया। दीपक का सिर कुचल गया था और पायल का हाथ और पैर बुरी तरह से कुचल गए। जबकि सुमित का हाथ कुचल गया और सिर में भी चोट लगी।
उधर, सुमित के परिजनों ने बताया कि सुमित ने इस बार 12वीं कक्षा पास की है और साथ में बाइक रिपेयरिंग का काम करता है। उधर, प्रत्यदर्शियों ने बताया कि दीपक, सुमित और पायल की बाइक को टक्कर मारने के बाद ट्रक चालक वाहन भगा ले गया।