सोमवार को अमवाही गांव के हरिदास यादव वीडियो देखकर भैंसों की शिनाख्त की और उन्हें लेने के लिए रवाना हो गए। यहां उन्हें पता चला कि, उनके आने के पहले काेई अन्य सरपंच से झूठ बोलकर भैंसों को बताकर ले गया है, जो तेंदूखेड़ा के समीप वादीपुरा का रहने वाला है। इसके बाद वो वादीपुरा पहुंचा, जहां ग्रामीण को उसकी भैंसें मिल गईं।
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सरपंच को शक हुआ तो सोशल मीडिया पर डाला वीडियो
भैंसों मालिक हरिदास यादव का कहना है कि, उसे सोशल मीडिया पर अपनी गुम हुई भैंसों की जानकारी मिली। इसके बाद उसने पथरिया पहुंचकर सरपंच से मुलाकात की। इस दौरान सरपंच ने हरिदास को बताय कि, पथरिया गांव का ही रहने वाला मुकेश बर्मन नामक व्यक्ति भैंसें ले जा चुका है। उन्हें पता था कि, मुकेश के पास भैंसे नहीं हैं। उन्हें शक हुआ, तो उन्होंने उससे पूछताछ की। पूछताछ में मुकेश ने बताया कि, वादीपुरा गांव के अशोक यादव और करिया आदिवासी उसे भैसों को पथरिया गांव के आगे भेजने के लिए कहा था। इसके बाद सरपंच ने उन भैसों को अपने पास रख लिया। सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की थी।
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