स्टॉक ने तो नहीं बढ़ा दिए रेट
खाद्य सामग्रियों और अनाज में आज कल स्टॉक का खेल व्यापारियों द्वारा जमकर खेला जा रहा है। इससे भी बाजार भाव तय हो रहे हैं। सस्ते दामों में दालों को खरीदने के बाद बाजार में तेजी बताकर जाम कर दिया जाता है। इससे मिलर्स को लगता है कि बाजार में दालों की विक्रय में तेजी आई हैं। डिमांड बढ़ते ही भावों में इजाफा होना लगता है। भाव बढ़ते ही व्यापारी स्टॉक को बाजार में उतार देते हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा लेते हैं। इससे भी आम आदमी की जेब पर खासा फर्क पड़ता है।
क्या कहते है लोग बीती गर्मी में राहर की दाल 115 रुपए किलो में खरीदी थी। चार माह के हिसाब से खरीदी होती है। ऐसे में हर बार दाल की बोरी ही खरीदते आए हैं, लेकिन इस बार दाल 190 रुपए किलो हैं, ऐसे में लेने की हिम्मत ही नहीं हो रही हैं। साथ ही स्टॉक भी इस बार कम ही किया जा रहा हैं। इसके अलावा चना और मूंग की दाल में काफी तेजी है। सरकार को महंगाई पर कंट्रोल करना चाहिए।
– रश्मि जैन, गृहणी – दालों के रेट सुनकर खरीदने का मन ही नहीं कर रहा है। अब तो घर में रोज दाल बनाना भी बंद करना होगा। दाल की जगह रसीली सब्जियां, छोला, मटर, कोपता, बरी जैसे ऑप्सनल पकवान बीच-बीच में बनाना होंगे। इतनी महंगी दाल को रोजाना आम आदमी नहीं बना सकता है। सरकार तो तत्काल दालों के भाव कंट्रोल करने के लिए कदम उठाना चाहिए।
– लक्ष्मी पटेल, गृहणी – आज की स्थिति में दालों के भाव दाल वर्तमान भाव दो महीने पहले अरहर: 185-190 135 से 140 मूंग: 115-120 – 90-95
चना: 85-90 – 60-65