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दमोह

शिक्षित बेरोजगारों को नहीं मिल रहा रोजगार

रोजगार दिलाने के लिए इस साल लगे दो कैंप

दमोहJun 15, 2021 / 09:30 pm

Rajesh Kumar Pandey

Educated unemployed are not getting employment

Educated unemployed are not getting employment

दमोह. शिक्षा प्राप्त करने के बाद रोजगार के लिए युवा रोजगार कार्यालय में अपना पंजीयन कराते हैं, लेकिन रोजगार कार्यालयों के माध्यम से रोजगार की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। हाल ही में रोजगार कार्यालय के माध्यम से दो रोजगार शिविर आयोजित किए गए। जिनमें केवल 289 को ही ऑफर लेटर दिए गए हैं।
दमोह जिले के रोजगार कार्यालय में कुल 58 हजार 987 शिक्षित बेरोजगार 15 जून की स्थिति में पंजीकृत हैं। जिनमें युवा 36 हजार 245 व युवतियां 22 हजार 745 शामिल हैं। युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए साल 2021 में 20 जनवरी व 22 फरवरी को रोजगार शिविरों का आयोजन किया गया। जिनमें केवल 289 युवाओं को ऑफर लेटर दिए गए हैं। जिन युवाओं को ऑफर मिले उन्होंने स्वीकार किए या नहीं यह जानकारी रोजगार कार्यालय के पास नहीं है।
उच्च शिक्षा अवसर निचला
जिला रोजगार कार्यालय द्वारा हाल ही में जितने भी प्लेसमेंट दिलाने का प्रयास किया गया है। उसमें वेतन 6 हजार से 15 हजार रुपए के बीच के कार्य रहे हैं। बाहर की कंपनियों के साथ स्थानीय एजेंसियों द्वारा भी युवा व युवतियों का चयन किया जाता है। जिसमें बहुत से युवा व युवतियां इस चयन को अमान्य कर देते हैं, एक वेतन कम होता है, दूसरा उनकी शिक्षा के मुताबिक उन्हें कार्य नहीं मिल पाता है।
गार्ड या लेबर का कार्य
2020 के कोरोना काल में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने गांव वापस आए युवा भी जनवरी व फरवरी माह के रोजगार शिविर में पहुंचे थे। जो पहले से कार्य कर रहे थे, अपनी कार्यदक्षता में पूरी तरह पारंगत थे, लेकिन उनके हिसाब का काम नहीं मिल रहा था। सबसे ज्यादा ऑफर गार्ड व लेबर संबंधी कार्य के मिल रहे थे, जिसे युवाओं द्वारा पसंद नहीं किया जाता है।
युवतियों के पास कई डिग्रियां
वर्तमान में देखा जा रहा है कि युवतियों के पास कई डिग्रियां हैं। एमएससी, कम्प्यूटर डिप्लोमा, बीएड, एमपीडब्ल्यू सहित कई विषयों में दक्षता लेकर घर बैठी हैं। इन युवतियों के लिए दमोह शहर में ऑटोमोबाइल एजेंसियों व निजी स्कूलों मेंं 5 से 6 हजार का रोजगार और बाहर 10 से 15 हजार के बीच रोजगार के अवसर ही मिल रहे हैं। जबकि इन युवतियों ने एक साथ कई डिग्रियां इसलिए हासिल की। उनका अच्छा कॅरियर बन सके और उन्हें शुरुआत में 40 से 50 रुपए का ही जॉब ऑफर मिल सके।
लगातार घट रहे हैं रोजगार के अवसर
बेरोजगारी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिससे वे अभिभावक अब चिंताग्रस्त होने लगे हैं कि उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई पर लाखों रुपए खर्च किए हैं। उनके विषयों के मुताबिक उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। जिससे पढ़ाई पर किया खर्च निरर्थक साबित हो रहा है। वहीं अब लोग सरकारी नौकरियों की उम्मीद भी खो चुके हैं। जिससे बेरोजगारी लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
रोजगार कार्यालय में पंजीयन नहीं कराते
अनेक छात्र संगठनों के युवा नेताओं का कहना है कि रोजगार कार्यालय में जहां पहले पंजीयन कराने के लिए युवाओं की कतारें लगती थीं, अब ऑनलाइन मोबाइल पर ही पंजीयन की सुविधा होने के बाद युवा व युवतियां पंजीयन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं है कि रोजगार कार्यालय उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करा पाएगा। बेरोजगारी की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना काल में 12 वीं के बाद अनेक युवा पढ़ाई नहीं करना चाह रहे क्योंकि आगे की पढ़ाई के बाद भी रोजगार की उम्मीद नहीं है।
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