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दमोह

कोरोना संकट में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी, पहचान नहीं सके इसलिए आंखें फोड़ीं

कोरोना संकट में मध्यप्रदेश से आई बुरी खबर, 6 साल की मासूम के साथ हुई हैवानियत…।

दमोहApr 23, 2020 / 11:46 am

Manish Gite

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दमोह। देशभर में कोरोना संकट से के बीच मध्यप्रदेश से बेहद शर्मसार करने वाली वारदात सामने आई है। 6 साल की मासूम बच्ची के साथ ज्यादती की गई है। इतना ही नहीं बच्ची आरोपी को पहचान न ले इसलिए उसकी आंखें भी फोड़ दी है। दिल दहला देने वाली यह घटना दमोह जिले में जबेरा थाना क्षेत्र में हुई है। खबर लिखे जाने तक बच्ची जिंदगी और मौत से जूझ रही है। घटना की खबर लगते हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दरिंदे को सख्त से सख्त सजा मिलेगी और बेटी के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

 

मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं मासूम बच्ची आरोपी को बाद में पहचान नहीं ले इसलिए उसकी आंखें फोड़ दी। मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना जिले के जबेरा थाना क्षेत्र की है।

घटना गुरुवार सुबह 7 बजे की है। जिसने भी इस घटना के बारे में सुना उसका दिल दहल उठा। पुलिस के मुताबिक 6 साल की यह मासूम बच्ची एक खेत के सूने मकान में गंभीर स्थिति में मिली है। उसके दोनों हाथ बंधे हुए थे। आंखें पोड़ दी गई थीं। उसके साथ ज्यादती की गई थी।

बताया जा रहा है कि बच्ची बुधवार की शाम 6 बजे से लापता हो गई थी, परिजन रातभर उसे खोजते रहे। लॉकडाउन के चलते पूरे क्षेत्र में सन्नाटा था, उसके बावजूद बच्ची की दूर-दूर तक आवाजें भी नहीं आ रही थी। गुरुवार की सुबह जब बच्ची मिली तो उसकी हालत देख सभी का दिल दहल गया। बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जबेरा ले जाया गया, जहां बच्ची की हालत को देखते हुए उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया है। एसपी हेमंत सिंह चौहान सहित अन्य पुलिस अफसर जबेरा पहुंच रहे हैं।

 

https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1253240176437915650?ref_src=twsrc%5Etfw
सीएम बोले- दरिंदे को सख्त से सख्त होगी सजा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मासूम बिटिया के साथ हुई इस घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि मैंने घटना का संज्ञान लेकर अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ने के निर्देश दिए हैं। उस दरिंदे को सख्त से सख्त सज़ा दी जाएगी! बिटिया के समुचित इलाज में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।
https://twitter.com/bhargav_gopal/status/1253221822746841089?ref_src=twsrc%5Etfw

गोपाल भार्गव बोले- घटना सभ्य समाज के माथे पर कलंक

भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने ट्वीट के जरिए कहा है कि आज सुबह-सुबह एक अमानवीय कृत्य की सूचना से मन खिन्न है। दमोह जिले के जबेरा थाने के अंतर्गत ग्राम बंशीपुर में 6 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कृत्य करके उसकी दोनों आंखें भी फोड़ दी गई। बच्ची एक गरीब किसान परिवार की है। घटना के बाद पूरा दमोह जिला आंदोलित है।ऐसी घटनाएं किसी के साथ हो हमारे सभ्य समाज के माथे पर कलंक है, लोग अब नर पिशाच हो गए हैं। मेरी पुलिस प्रशासन से अपेक्षा है कि दोषियों को शीघ्र चिन्हित कर उनके प्रति सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।

 

घटना के बाद गांव में आक्रोश
घटना का जैसे ही पता चला ग्रामीण एकत्र हो गए और वे सड़कों पर जमा हो गए। आक्रिशित ग्रामीणों ने काफी देर तक सड़कों को रोक दिया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी वहां पहुंच गया। पुलिस के अधिकारी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

 

मासूमों पर बढ़े अत्याचार
मध्यप्रदेश में 2017 में मध्यप्रदेश में 5599 महिलाओं के साथ ज्यादती की घटनाएं हुईं। इसके अलावा 3082 मासूम और नाबालिग बच्चियों के साथ शर्मनाक घटनाएं हुई। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 में 3 हजार से ज्यादा मासूमों के साथ अपराध में मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य बन गया था।

इसके अलावा 2019 में जुलाई माह में देश के मुख्य न्यायाधीश ने ज्यादती के मामलों में स्वतं संज्ञान लिया था। 1 जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक देशभर में दुष्कर्म के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। छह माह में देशभर में 24 हजार दुष्कर्म हुए। 2019 में जुलाई तक मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर था। जुलाई तक मध्यप्रदेश में 2389 मामले सामने आए।

 

फांसी देने वाले प्रदेश में नंबर वन
मध्यप्रदेश नाबालिग के साथ ज्यादती के मामले में दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान करने वाला पहला राज्य है। विधानसभा में दिसंबर 2017 में 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ ज्यादती के दोषियों को फांसी की सजा देने के विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया था।

 

अब तक 27 को मिली फांसी
खबरों के मुताबिक मध्यप्रदेश में अब तक 27 से अधिक आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। लेकिन, अब तक फांसी की सजा किसी को नहीं हुई।

 

इसलिए नहीं मिली सजा
अब तक जितने भी दोषियों को सजा सुनाई गई, उन्हें फांसी की सजा नहीं दी गई। क्योंकि यह सजा निचली अदालत से दी गई। उसके बाद आरोपियों को निचली अदालत के बाद सेशल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाने के कारण मामले कई सालों तक लंबित हो जाते हैं।

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