पत्रिका की खबर के बाद ,आए दिन अनुपस्थित रहते थे यह शिक्षक, एसडीएम ने किया निरीक्षण तो जानने मिली हकीकत
दमोह•Sep 11, 2018 / 03:08 pm•
lamikant tiwari
Now these six teachers will deduct the salary
हटा. शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों के विद्यालय पहुंचने व छुट्टी के निर्धारित समय से पहले ही गायब हो जाना आम बात है। लेकिन मध्याह्न भोजन अवकाश में भी स्कूल में बच्चों को अकेले छोड़कर गायब रहने का मोह शिक्षकों से छूट नहीं पा रहा है। सोमवार को कन्या स्कूल में ऐसी स्थिति देखकर प्रशासनिक आला अधिकारी दंग रह गए। उन्हें माध्यमिक पुत्री शाला में पदस्थ छह शिक्षकों में से एक भी शिक्षक उपस्थित नहीं मिला। दरअसल पुत्री शाला स्कूल में स्थित मतदान केन्द्रों का निरीक्षण करने एसडीएम एनआर गौंड़, तहसीलदार ज्योति ठाकुर व एसडीओपी कमल जैन संयुक्त रूप से सोमवार दोपहर डेढ़ बजे पुत्री शाला पहुंचे तो जहां मध्याह्न भोजन वितरित किया जा रहा रहा था। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि इस दौरान एक भी शिक्षक न तो मध्याह्न भोजन स्थल पर था और न ही पूरे परिसर में। संचालित प्राथमिक शाला में पदस्थ दोनों शिक्षिकाएं उपस्थित मिलीं।
इस बड़ी लापरवाही पर एसडीएम ने तत्काल बीआरसी को नाराजगी जताते हुए जांच कराने निर्देशित किया। बीआरसी ने जब अपने दो बीएसी महेंद्र पटैल एवं सीपी अहिरवार को स्कूल भेजा तब भी दोपहर २.१० दोपहर तक किसी भी शिक्षक की स्कूल में वापिसी नही हुई थी। दोनों ही बीएसी ने अलग-अलग कक्षाओं में अध्ययन कराया। लेकिन तीन बजे स्कूल पहुंचे एक शिक्षक ने सीधे अपने ऑफिस पहुंचे जहां पर आराम फरमाते रहे। उन्हें इस बात का जरा भी अहसास नहीं हुआ कि उनके स्कूल में कोई अन्य शिक्षक क्लास में अध्ययन भी करा रहे हैं। छात्राओं ने भी अधिकारियों को बताया कि रोजाना सुबह ११ बजे के बाद प्रार्थना के दौरान पूरे शिक्षक रहते हैं उसके बाद चले जाते हैं। आसपास स्थित दुकानदारों ने भी बताया कि आधी छुट्टि में आधा सा स्टॉफ गायब हो जाता है। लड़कियां स्कूल के बाहर निकलकर व्यस्ततम मैन रोड पर घूमती देखी जा ती हैं।
पत्रिका की खबर पर लगी मोहर –
पत्रिका द्वारा इस स्कूल के अलावा अन्य स्कूलों के शिक्षकों की ऐसी ही कारगुजारियों को लेकर प्रमुखता के साथ खबरों का प्रकाशन किया गया था। लेकिन मामले में अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।
प्रधानाध्यापक से मांगेंगे जवाब-
मामले में एसडीएम का कहना है कि बीआरसी टीकाराम कारपेंटर को जांच के लिए आदेशित किया गया है। संबंधित प्रधानाध्यापक से जवाब मांगे जाने के साथ संकुल प्राचार्य को वेतन कटौती के लिए पत्र भेजा जा रहा है।