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दमोह

पुलिस डॉग ने पिता के हत्यारे बेटे को पहुंचाया सलाखों के पीछे

संपत्ति को लेकर घटना को दिया गया था अंजाम

दमोहMay 15, 2018 / 12:23 pm

pushpendra tiwari

Police dog Father's killer son Transported prison

Police dog Father’s killer son Transported prison

दमोह. देहात थाना क्षेत्र के सागर नाका चौकी अंतर्गत दमोह-सागर रेलवे ट्रेक पर ६९ वर्षीय रज्जू ऊर्फ राजाराम पटेल निवासी सागर नाका का शव चार टुकड़ों में क्षत विक्षत हालत में मिला था। घटना को देखकर सहजता से यह माना जा रहा था कि यह रेल हादसा है। लेकिन इस मामले में वृद्ध की जघन्य हत्या होने की बात सामने आई है और हत्या को अंजाम उसके ही एकलौते पुत्र ने दिया है। दरअसल इस अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस के डॉग ने अपनी महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस डॉग द्वारा की गई खोजबीन से पुलिस हत्यारे बेटे तक पहुंच सकी है। सोमवार को एसपी विवेक अग्रवाल ने इस हत्या के मामले का खुलासा कर आरोपियों को न्यायालय में पेश किया है।


ये है मामला


०५ मई को सागर नाका चौकी पुलिस को सूचना मिली थी कि रेलवे ट्रेक पर क्षतविक्षत हालत में एक शव पड़ा हुआ है। मौके पर पहुुंची पुलिस ने शव का पंचनामा किया और शिनाख्त होने पर शव सागर नाका निवासी राजाराम पटेल का होना सामने आया। पुलिस कार्रवाई के दौरान राजाराम का पुत्र विनोद पटेल मौके पर पहुंचा और उसने पिता की मौत पर बनावटी दु:खड़ा रोया व हत्या करने की आशंका जताई थी। पुलिस ने शव की पोस्टमार्टम कार्रवाई पूरी कर घटना पर मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी।

डॉग ने आरोपी तक पहुंचाया


मौके पर एफएसएल टीम व डॉग स्कवाड पहुंची। डॉग रेलवे ट्रेक से सीधा मृतक के घर की ओर भागा और उस स्थान पर पहुंच गया जहां पर मृतक का खून पड़ा हुआ था। मृतक के घर के समीप खेत के रास्ते में पड़े खून को देखकर पुलिस सकते में पढ़ गई और हत्या की आशंका होना बन गई। एसपी अग्रवाल ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया व परिजनों के बयान कई बार लिए गए। बयानों में पुलिस ने पाया कि मृतक का पुत्र विनोद बयान बार बार बदल रहा है। इसी शंका पर जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो हत्या की गुत्थी सुलझ गई।

सब्बल से पिता को मौत के घाट उतारा


घटना के संबंध में एसपी ने बताया कि आरोपी विनोद पटेल व घर में कार्य करना वाला सुरेश अठ्या निवासी खोजाखेड़ी ने ०४ मई की रात जब राजाराम सागर से लौट रहा था, तो इन्होंने पूर्व योजना के तहत राजाराम पर हमला कर दिया। राजाराम के सिर पर गंभीर चोट आने की वजह से मौत हो गई थी। आरोपियों ने खुद को हत्या के मामले से बचाने के लिए प्लान के तहत शव को रेलवे ट्रेक पर फैंक दिया जिससे यह हत्या की घटना रेल हादसे में बदल जाए, लेकिन आरोपियों की मंशा पुलिस डॉग की चतुरता की वजह से फेल हो गई।

संपत्ति को लेकर हुई घटना


आरोपी पुत्र ने पिता की हत्या करने की वजह पुलिस को संपत्ति की वजह से विवाद होना बताया है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके पिता ने संपत्ति के बंटवारे में कम हिस्सा दिया था और खुद के पास अधिक संपत्ति बचा ली थी। विदित हो कि मृतक राजाराम की दो संताने हैं जिनमें एक बेटी व विनोद एकलौता पुत्र है। आरोपी विनोद का मानना था कि मौत के बाद पूरी संपत्ति पर उसका अधिकार बन जाएगा।

खुलासे में इनकी अहम भूमिका


एसपी विवेक अग्रवाल के निर्देश पर आरोपियों को पकडऩे के लिए विशेष टीम बनाई गई थी। जिसमें सीएसपी मनभरन प्रजापति प्रमुख थे। इनके अलावा देहात थाना प्रभारी विजय शंकर यादव, सागर नाका चौकी प्रभारी की विशेष भूमिका रही।

पिता पुत्र पर दर्ज हैं हत्या, बलात्कार, बलवा के अपराध


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक राजाराम पटेल के विरूद्ध आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें हत्या, बलात्कार, बलवा सहित अन्य अपराध शामिल हैं। पिता के साथ हत्या सहित अन् अपराधों में आरोपी विनोद भी सह आरोपी होना बताया गया है।

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