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हाथ ठेले पर सिस्टम का ‘जनाजा’
पथरिया की रहने वाली कलावती विश्वकर्मा को मंगलवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर परिजन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया था। जहां लगातार उनकी तबीयत बिगड़ रही थी। परिजन ने तबीयत बिगड़ते देख कलावती को दमोह रैफर करने के लिए कहा लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्टाफ ने दमोह अस्पताल में जगह न होने की बात कहते हुए रैफर करने से इंकार कर दिया और इलाज करते रहे। इसी बीच रात करीब 8.30 बजे कलावती की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद उनका शव परिजन को सौंप दिया गया। परिजन ने एंबुलेंस से संपर्क किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई इसके बाद कुछ देर तक वो शव वाहन के लिए प्रयास करते रहे पर शव वाहन भी नहीं मिला। परिवार के एक सदस्य ने निजी शव वाहन वाले से संपर्क कर शव घर ले जाने के लिए कहा तो उसने पांच हजार रुपए किराया लेने की बात कही। काफी देर तक जब शव वाहन का इंतजाम नहीं हुआ तो परिजन ने एक हाथ ठेले का इंतजाम किया और फिर रात में कलावती का शव हाथ ठेले पर रखकर घर के लिए रवाना हो गए।
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जिम्मेदारों ने दिया रटा रटाया जवाब
जब इस मामले में बीएमओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था जहां उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन उसकी मौत हो गई। वहीं शव वाहन न मिलने पर हाथ ठेले पर परिजन के शव ले जाने पर जब बीएमओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बिलकुल भी जानकारी नहीं है कि परिजन शव को कैसे अपने घर लेकर गए हैं।
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