इस शिवलिंग पर निरंतर पानी टपकता रहता है। यहां शिव का जलाभिषेक खुद प्रकृति करती है। भक्तों का तांता दो ही दिन लगता है। माघ पुर्णिमा व शिवरात्रि ? पर भीड़ जुटती है। इस बार यहां लाल आतंक का दहशत देखा गया। कुछ माह पहले ही फोर्स ने इस इलाके में माओवादियों के स्मारक तोड़ दिए थे। दहशत के बाद भी भक्त जयकारे के नारे लगाते यहां तक पहुंचे। इतना ही नहीं दर्जनों लोगों ने रात भी यहां बिताई। दो दिन का पर्व था इसलिए दूसरे दिन सुबह दर्शन कर लोग लौटे। तुलार धाम के दर्शन करने के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी पहुंचे थे। वन विभाग की इस टीम में प्रशिक्षु आईएफएस मनीष कश्यप भी शामिल थे। शिव दर्शन के साथ इन्होंने बिगड़े वन का जायजा भी लिया।
शिव की गुफा के नाम से ही पंचायत का नाम भी है। यह पंचायत बीजापुर जिले में आती है। इसका नाम गुफा पंचायत है। बीजापुर की ओर से भी पगडंडी है। नदी-नालों को पार कर यहां तक पहुंचना पड़ता है। दंतेवाड़ा से भी यहीं हाल है। हालात हर जिले से वहीं है, जो आजादी के पहले थी।