ग्राम रूरई सेंवढ़ा तहसील मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भिण्ड जिले की लहार तहसील का हिस्सा है। ग्राम रूरई में प्राचीन सिंह वाहिनी माता का मंदिर है। यह मंदिर दोनों जिलों भिंड व दतिया के आसपास के ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र है। मंदिर पर अक्सर धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होते रहते है। भक्तों की अधिकता कारण कई बार मंदिर परिसर जगह कम पड़ जाती थी।
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सुलतान खां का कहना है कि रूरई पैतृक गांव होने की वजह से उनके पूरे परिवार की आस्था मंदिर से जुड़ी है। खां के वह धार्मिक भेदभाव को कभी स्वीकार करते। उनके पिता भी रामलीला में मुख्य पात्र की भूमिका निभाते थे। उल्लेखनीय है कि सुल्तान खां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहने के अलावा भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके द्वारा किया गया यह दान क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सुलतान खां का कहना है कि रूरई पैतृक गांव होने की वजह से उनके पूरे परिवार की आस्था मंदिर से जुड़ी है। खां के वह धार्मिक भेदभाव को कभी स्वीकार करते। उनके पिता भी रामलीला में मुख्य पात्र की भूमिका निभाते थे। उल्लेखनीय है कि सुल्तान खां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहने के अलावा भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके द्वारा किया गया यह दान क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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6 लाख की है जमीन
मंदिर की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए सुलतान खां और पूर्व सरपंच रणवीर सिंह ने मिल कर करीब तीन बीघा जमीन मंदिर के लिए दान की है। दोनों ने अपने – अपने हिस्से की डेढ़-डेढ़ बीघा जमीन मंदिर को दान की है। इस जमीन की कीमत करीब छह लाख रुपए हैं। यह जमीन मंदिर में होने वाले योजनों में काम में आएगी।
6 लाख की है जमीन
मंदिर की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए सुलतान खां और पूर्व सरपंच रणवीर सिंह ने मिल कर करीब तीन बीघा जमीन मंदिर के लिए दान की है। दोनों ने अपने – अपने हिस्से की डेढ़-डेढ़ बीघा जमीन मंदिर को दान की है। इस जमीन की कीमत करीब छह लाख रुपए हैं। यह जमीन मंदिर में होने वाले योजनों में काम में आएगी।