संगम तट से शुरू हुई कावड़ यात्रा, शिवालयों पर हुआ जलाभिषेक
संगम तट से शुरू हुई कावड़ यात्रा, शिवालयों पर हुआ जलाभिषेक उनाव। भगवान भोले शंकर की भक्ति व आस्था का प्रतीक मानी जाने वाली कावड़ यात्रा की शुरूआत सोमवार की सुबह कस्बा उनाव से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान बालाजी के प्राकट्य स्थल से हुई। गौरधन स्थित पहूंज एवं अनगौरी नदी के संगम तट पर पहुंचे कांवडिय़ों ने वैदिक विधि विधान से कांवड़ भरी तदुपरांत भगवान बालाजी, पशुपतिनाथ एवं तरगुंवा रोड पर बिराजे बड़े महादेव मंदिर पर जलाभिषेक किया।
श्रावण मास को भगवान शिव की आराधना का मुख्य महीना माना गया है। इस माह में भक्तगण पवित्र नदियों के जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक भी कावड़ भरकर करते हैं। इसी भक्ति परंपरा के साक्षात दर्शन सोमवार को कस्वा उनाव में दिखाई दिए। भगवान बालाजी के प्राकट्य स्थल पहूंज एवं अनगौरी नदी के संगम पर बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने कांवरे भरी। तदुपरांत भगवान बालाजी, बस स्टैण्ड स्थित पशुपतिनाथ व बड़े महादेव मंदिर पर स्थापित भोलेनाथ भगवान का जलाभिषेक किया। सूर्य मंदिर के पुजारी लालजी पंडा ने पौराणिक मान्यता के संबंध में बताया कि भगवान शिव के परमभक्त परशुराम ने पहली बार सावन के महीने में कांवर यात्रा कर शंकर भगवान से भक्ति का वरदान प्राप्त किया था।
कांवर यात्रा मे मुख्य रूप से पंकज बाबा, प्रदीप खंताल, संजू सहदेले, राजू नामदेव, अनिल शुक्ल, विक्की पंडा, विवेक नामदेव, भिल्लन दुबे, सागर खरे, रवि चौबे, अशोक सूर्यन आदि उपस्थित रहे।
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