दुर्गन्ध से परेशान लोगों का फूटा आक्रोश
महामारी फैलने का बढ़ रहा अंदेशा
दुर्गन्ध से परेशान लोगों का फूटा आक्रोश
दौसा. ग्राम पंचायत सिण्डोली में मृत आवारा पशुओं से उठने वाली दुर्गन्ध से परेशान ग्रामीणों का आक्रोश रविवार को फूट पड़ा। ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया।
ग्रामीण लालूराम, राजेन्द्र जांगिड़, जन्सीराम मीना ने बताया कि गांव में पिछले एक वर्ष से आवारा पशुओं का आतंक है। दो सप्ताह से आवारा पशुओं के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा। आवारा पशुओं के मृत शरीर से उठने वाली दुर्गन्ध से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण गिर्राज मीना, रामकिशोर सैनी ने बताया कि ग्राम पंचायत या अन्य कोई प्रशासन इन मृत पशुओं को नहीं उठवाता।इसके चलते जिस मकान के पास पशु मर जाता है, उन मकान मालिकों को ही उसे उठवाकर गड्ढे में दबवाना पड़ता है।
विनोद डीलर, बद्रीनारायण मीना ने बताया कि पूर्व में तो वाहन चालक मृत पशुओं को उठाने के 200 रुपये लेते थे, लेकिन प्रतिदिन दो से चार पशुओं के मरने के कारण वाहन चालकों ने मनमाना किराया वसूलना शुरू कर दिया।
बीमारियां पनपने का मंडरा रहा खतरा
दो दिन से सरकारी विद्यालय की चारदीवारी के पास दो अवारा पशु मृत पड़े है। ऐसे में उनके मृत शरीर से बदबू उठने लगी है। साथ ही उनके मृत शरीर में कीड़े पडऩे से कई तरह की बीमारियों के पनपने का अंदेशा बना हुआ है। दुर्गन्ध के चलते लोगों का मकानों में रहना दूभर हो गया है।
गेहूं खाने से मर रहे प्रतिदिन औसतन दो पशु
ग्रामीणों ने बताया कि इन दिनों आवारा घूमने वाले पशु खेतों में घुसकर गेहूं की फसल को खा जाते है। उसके बाद पानी पीने के बाद गेहूं पेट में फूलने लगते है। जिससे पशुओं की कुछ समय बाद ही मौत हो जाती है। जिसके चलते प्रतिदिन मरने वाले पशुओं की संख्या औसतन दो से तीन हो गई है।
नहीं मिलता कोई भुगतान
सरपंच भौंरीलाल मीना ने बताया कि पूर्व में पंचायत क्षेत्र में मरने वाले पशुओं को वे अपने निजी खर्च पर उठवाते थे, लेकिन पिछले दो सप्ताह से मरने वाले पशुओं की संख्या प्रतिदिन दो से तीन हो गई। आगे से मृत पशुओं को उठवाने का कोई भुगतान नहीं मिलता है। इस बारे में विकास अधिकारी को भी कई बार अवगत करवा दिया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
अभियाल चलाकर जुटाई राशि
लालसोट. नवरंगपुरा गांव में गत माह 20 मार्च को हुए एक भीषण अग्निकांड में जिंदा जल कर मरे कमलेश मीना के परिवार को सहायता के लिए क्षेत्र के युवाओं द्वारा सोशल मीडिया पर चलाए गए अभियान के तहत एकत्रित की गई पांच लाख रुपए राशि की एफडीआर पीडि़त परिवार को प्रदान की गई। इस मौके पर टीम में सक्रिय रहे गिर्राज हमीरपुरा, कमलेश लोटण, अभिषेक चरावडंया, अवधेश, मुकेश रामगढ़, रामराज मीणा नरसी हमीरपुरा, राजकुमार व्याख्याता, कुन्जीलाल नेताजी, युसूफ चौधरी, शंकरलाल मीणा, सनराज मीणा समेत दर्जनों युवाओं ने पीडि़त परिवार को यह सहायता राशि प्रदान की।(नि.प्र.)