scriptRajasthan : आजादी के बाद पहली बार फहराया तिरंगा, आलूदा के तिरंगे ने बढ़ाई थी लालकिले की शान | India first flag was hoisted at Red Fort by dausa | Patrika News
दौसा

Rajasthan : आजादी के बाद पहली बार फहराया तिरंगा, आलूदा के तिरंगे ने बढ़ाई थी लालकिले की शान

Rajasthan : आजादी के बाद पहली बार फहराया तिरंगा, आलूदा के तिरंगे ने बढ़ाई थी लालकिले की शान

दौसाAug 14, 2019 / 04:43 pm

anandi lal

Red Fort

Red Fort

दौसा। देश में लोग स्वत्रंता दिवस मनाने की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। 15 अगस्त को देशभर में तिरंगे फहराए ( India first flag ) जाएंगे। आजादी के बाद लाल किले पर फहराया तिरंगे को लेकर राजस्थान का बड़ा योगदान रहा है। दिल्ली के लाल किले ( Red Fort Delhi ) पर फहराया तिरंगा दौसा के एक छोटे से कस्बे आलूदा में तैयार किया गया था।
जानकारी के अनुसार, 1947 में आजादी के बाद दिल्ली के लालकिले पर जो पहला तिरंगा लहराया था राजस्थान के के छोटे से कस्बे आलूदा के बुनकरों के हाथों से बुने कपड़े से तैयार किया गया था। यहां के बुनकरों की मानें तो उस वक्त देशभर की खादी संस्थाओं ने अपने बुने कपड़े को तिरंगा बनाने के लिए भेजा था लेकिन, आलूदा के चौथमल, नांगलराम और भौंरीलाल महावर द्वारा तैयार कपड़े का तिरंगे के लिए चयन हुआ था। कपड़े की बेहतरीन कारीगरी देने के बाद भी ना तो दौसा समिति और ना ही सरकार ने आलूदा के बुनकरों को प्रोत्साहन दिया है।

आलूदा कस्बे में आज भी बुनकर तो हैं लेकिन बढ़ती महंगाई के चलते अधिकांश बुनकरों ने अपना काम बदल लिया है। अब यहां पर इक्के- दुक्के परिवार ही कपड़े बुनाई के काम से जुड़े हैं। उल्लेखनीय है कि जिले की खादी का अभी भी देशभर में नाम है। यहां की खादी से बुने कपड़े की बैडशीट रेलवे को सप्लाई की जाती है।
प्रोत्साहन मिलता तो नहीं बदलना पड़ता काम

आलूदा में मशीन से खादी बुन रहे मांगीलाल ने बताया कि उनके पूर्वज काफी समय से खादी बुनने का काम करते आ रहे हैं। जिनके बुने कपड़े से तिरंगा के रूप में लालकिले की शोभा बढ़ाई थी। उनके पुत्रों ने यह काम छोड़कर कोई दूसरा शुरू कर दिया है। यदि खादी समिति या फिर सरकार मदद करती तो वे खादी बुनने के काम को छोड़ते नहीं। बनेठा में तो अब भी तिरंगे का कपड़ा तैयार होता है।
बनेठा में अब भी बसा है तिरंगे का रंग

आलूदा के अधिकांश बुनकरों ने तो खादी का कपड़ा बुनना छोड़ दिया। कुछ लोग इस काम में लगे हैं लेकिन, आलूदा के पास ही एक छोटा से गांव बनेठा में बुनकर अभी भी बड़े स्तर पर कपड़ा बुनने का काम कर रहे हैं। यदि बात देशभर की करें तो कर्नाटक के हुबली और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में भी कुछ बुनकर झण्डा क्लॉथ तैयार कर रहे हैं।

Home / Dausa / Rajasthan : आजादी के बाद पहली बार फहराया तिरंगा, आलूदा के तिरंगे ने बढ़ाई थी लालकिले की शान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो