ये हैं लक्षण
चिकित्सकों के अनुसार प्रारंभ में इस बीमारी से पीडि़त में फ्लू जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। रोगी में बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द के साथ पैराटिक ग्लैंड में सूजन आ जाती है। इससे रोगी का मुंह नहीं खुल पाता है और गले से खाना व पानी निगलने में परेशानी होती है। मम्प्स एक संक्रमण बीमारी है। यह पीडित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलती है। वर्तमान में गले में सूजन और बुखार वाले मरीज अधिक आ रहे हैं।
भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
चिकित्सक ने बताया कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वे इस बीमारी की चपेट में जल्दी आते हैं। इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों को भीड़-भाड़ वाले स्थान पर भेजने से परहेज करना चाहिए। साथ ही घर से बाहर निकलने समय मुंह पर मास्क या कपड़ा बांधे। लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक से तुरंत परामर्श लेकर उपचार शुरू करें। समय पर उपचार लेने पर रोगी 8 से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं।
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ऐसे करें बचाव
भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें। मास्क लगाकर रहें। बच्चों को एमएमआर टीका लगवाएं। संक्रमित रोगी को आइसोलेट करें, बार-बार साबुन से हाथ धोएं।
मम्प्स रोग खांसने व छींकने से फैलता है। यह संक्रमण 15 वर्ष तक के बच्चों में सर्वाधिक होता है। 0-5 व 15 साल के होने पर टीका लगाएं। संक्रमित को अलग कमरे में रखे तथा साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। ठंडा खाने से बचा जाए।
डॉ. विपिन मीणा, चिकित्सक, सीएचसी लवाण