गुटखे की कालाबाजारी पर नहीं लग रही लगाम
बसवा. भले ही सरकार ने लॉकडाउन में तम्बाकू पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन कस्बे की दुकानों में खुलेआम गुटखे की कालाबाजारी की जा रही है। पुलिस प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। ढाई रुपए में बिकने वाला गुटखा कस्बे में 25 रुपए का मिल रहा है। 20 रुपए की बीडी का बंडल की ब्लैक में रेट 70 रुपए है। कई गुणा ज्यादा दाम देने के बाद भी बिना सिफारिश व्यापारी माल नहीं दे रहे हैं। कस्बे के व्यापारी बड़ी मात्रा में गुटखे व बीड़ी बाहर से लाकर कस्बे में सप्लाई कर रहे हैं। दुकान बंद करने के बाद जेब में गुटखा रखकर बेचने के लिए दुकानों के बाहर बैठे रहते हैं। पुलिस प्रशासन भी आंख बंदकर बैठा है। कुछ दिन पूर्व एक व्यापारी के कर्मचारी ने गोदाम में रखी बीडी के बंडलों की बोरी चुराकर दूसरे दुकानदार को बेचने का मामला भी सामने आया था, लेकिन बीड़ी की कालाबाजारी उजागर होने के डर के कारण मामले को रफा-दफा कर दिया। पुलिस कस्बे में गश्त करती है, लेकिन दुकानदार वाहन को देखते ही शटर नीचे कर लेते हैं। The black marketing of gutkha is not controlled
बडिय़ाल कलां. ग्राम पंचायत नंदेरा की ढाणी बीच की कोठी में कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने से आवागमन बाधित हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रास्ते में अतिक्रमण किए जाने से बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानी होती है। अतिक्रमण के कारण ग्रामीणों को पीने का पानी भी सही प्रकार से नहीं मिल पा रहा है। जो पानी वह खारा है। पानी के टंैकरों की सप्लाई घरों तक नहीं हो पा रही है। कई बार उपखंड अधिकारी, जिला कलक्टर को अवगत करा दिया। Encroachment disrupts traffic