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दौसा

हैडकांंस्टेबल आत्महत्या प्रकरण की होगी प्रशासनिक जांच

पुलिस महकमा स्तब्ध, कलक्टर को सौंपी रिपोर्ट, दूसरे दिन भी मौत के कारणों की जांच में जुटी रही पुलिस

दौसाMay 30, 2020 / 07:53 pm

Mahesh Jain

हैडकांंस्टेबल आत्महत्या प्रकरण की होगी प्रशासनिक जांच

हैडकांंस्टेबल आत्महत्या प्रकरण की होगी प्रशासनिक जांच

दौसा. सैंथल. सैंथल पुलिस थाने में कार्यरत हैड कांस्टेबल गिर्राज प्रसाद के शुक्रवार रात अपने सरकारी क्वार्टर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या करने की घटना से पुलिस महकमा स्तब्ध है। आत्महत्या के पीछे के कारणों तक पुलिस दूसरे दिन शनिवार शाम तक भी नहीं पहुंच सकी। इधर, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर को रिपोर्ट सौंपी है। अब इसकी प्रशासनिक स्तर पर जांच होगी। इस बीच सुबह जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव को उसके गांव पुलिस ट्रक में भेजा गया। इससे पहले पुलिस अधीक्षक प्रहलादसिंह कृष्णिया सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।

जिला अस्पताल से पुलिस दल शव लेकर मृतक के गांव अलवर जिले के श्यामपुरा जागीर थाना नारायणपुरा पहुंचा। वहां सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पुलिस दल ने तीन राउंड फायर किया तथा सीओ नरेन्द्र इनखिया व थानाधिकारी महावीर प्रसाद आदि ने पुष्प चक्र चढ़ाए।
गौरतलब है कि शुक्रवार रात मैस में खाना के लिए नहीं आने पर स्टाफ ने हैड कांस्टेबल गिर्राज प्रसाद के कमरे पर जाकर देखा तो वह पंखे पर फंदे से लटका मिला। थाना प्रभारी महावीर प्रसाद की मौजूदगी में गिर्राज को फंदे से उतारकर दौसा राजकीय अस्पताल में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने गिर्राज को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद सैंथल थाने पर एएसपी अनिल सिंह व सीओ पहुंचे। मृतक के सरकारी क्वार्टर का निरीक्षण कर ताला लगा दिया व परिजनों को सूचना दी गई। इस पर मृतक का भाई मुरारी लाल व अन्य परिजनों को साथ लेकर पहुंचा।
डेढ़ घंटे चचेरे भाई से फोन पर की थी बात, नहीं हुआ अहसास
दौसा पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र इनखिया ने बताया कि हैड कांस्टेबल ने गत दिवस फंदा लगाने से पहले अपने गांव में चचेरे भाई से करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत की थी, लेकिन उसने ऐसा कुछ महसूस नहीं होने दिया जिससे लगे कि वह परेशान है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चौहान और दौसा सीओ ने नरेंद्र इनखिया ने कमरे की गहनता से जांच भी की, लेकिन वहां भी कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि अब तक मामले में सामने आया था कि उसका किसी से विवाद था, लेकिन विवाद में ऐसी कोई गंभीर बात सामने नहीं आई।
प्रशासन करेगा जांच
हैडकांस्टेबल आत्महत्या मामले की गंभीरता को देखते हुए रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंपी है। उपखण्ड मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की है। अब प्रशासनिक स्तर पर जांच होगी।
अनिल सिंह चौहान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ,दौसा
निष्पक्ष जांच की उठी मांग
हैड कांस्टेबल की मौत के बाद गांव में शव पहुंचते ही सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। गिर्राज की पत्नी बार-बार बेसुध हो रही थी। वहीं चार बेटी व एक बेटे का भी हाल-बेहाल था। ग्रामीण परिजनों को सांत्वना दे रहे थे। मृतक के भाई मुरारी लाल ने मर्ग में मामला दर्ज कराया कि उसका भाई गिरिराज (43) सैंथल थाने में हैड कांस्टेबल पद पर तैनात था। शुक्रवार रात करीब 9 बजे अपने सरकारी आवास में पंखे के फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस संबंध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं परिजनों ने निष्पक्ष जांच करते हुए न्याय की मांग की है। गौरतलब है कि सैथल कस्बे के अंदर मई माह में अब तक तीन जनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। यह कस्बे में चर्चा का विषय बना हुआ है। इधर, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने भी मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
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