इसके बाद हाथ सहित अन्य जगह भी वार किया। लहूलुहान होने के बाद भी शारीरिक शिक्षक ने हिम्मत नहीं हारी तथा सियार का गला पकड़कर संघर्ष करने लगे। अचानक शारीरिक शिक्षक में इतनी हिम्मत आई कि सियार को गले पकड़कर जूझते हुए स्कूल के बाहर ले जा पटका। इसके बाद सियार बाजरे के खेतों में ओझल हो गया। इस बीच अन्य शिक्षकों ने बच्चों को कक्ष में बंद कर दिया। घायल शारीरिक शिक्षक को जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया।
प्रधानाध्यापिका पूनमबाई मीना ने बताया कि शारीरिक शिक्षक की हिम्मत के कारण बच्चों की जान बची है। मौके पर बाद में ग्रामीण भी एकत्र हो गए तथा सियार को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आया।
स्कूल भवन के जर्जर कक्षों से बारिश के दौरान पानी टपकने के कारण कक्षा 3, 4 व 5 के बच्चों को एक कमरे में बैठाकर शारीरिक शिक्षक रामेश्वर प्रसाद पढ़ा रहे थे। इसी दौरान सियार आ गया। स्कूल गांव के बाहरी इलाके में है। मौके पर जमा हुए ग्रामीणों ने शारीरिक शिक्षक की बहादुरी की प्रंशसा की। वहीं अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोपाललाल शर्मा ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर कुशलक्षेम जानी।