पन्द्रह महिलाओं की दहेज के लिए हत्या
जिले के विभिन्न पुलिस थानों में पिछले तीन वर्ष में दहेज लोभियों ने 15 महिलाओं को दहेज के लिए मौत के घाट उतार दिया। इनमें से वर्ष 2015 में 5, वर्ष 2016 में 4 व चालू वर्ष में जुलाई तक 6 महिलाओं की उनकी ससुराल वालों ने दहेज के लिए हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने इनमें में से 6 मामलों में ही चालान पेश किया। खास बात यह है कि इनमें से भी 4 मामलों को झूठा मानकर पुलिस ने एफआर भी पेश कर दी।
दहेज प्रताडऩा के सर्वाधिक मामले
दहेज देना एवं दहेज लेना भले ही कानूनी अपराध है, लेकिन शादी के बाद दहेज के लिए परेशान करने के जिले में तीन वर्ष में 415 मामले पुलिस थाने पहुंचे। इनमें से वर्ष 2015 में 131, वर्ष 2016 में 143 व चालू वर्ष में सात महीने में ही 141 मामले दहेज के लिए परेशान करने के दर्ज हो चुके हैं।
जिले में पिछले तीन वर्ष में 116 दुष्कर्म के मामले दर्ज हो गए। इनमें से 42 मामलों को झूठा मानकर उनमें एफआर दे दी। जबकि इनमें से मात्र 28 मामलों में ही पुलिस ने चालान पेश । 46 मामलों की जांच चल रही है। वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में दुष्कर्म मामले में काफी बढ़ोतरी रही।
जिले इस तीन वर्ष की समयावधि में करीब 127 नाबालिग एवं बालिग अबलाओं का अपहरण हो चुका है। इनमें से पुलिस ने 25 मामलों में चालान पेश कर दिया, जबकि 45 मामलों में अदम वकू में एफआर पेश कर दी। वहीं 55 मामलों में जांच चल रही है।इसी प्रकार महिला अत्याचार से जुड़े अन्य मामलों में भी कमी नहीं रही। इसमें भी वर्ष 2015 में 86, वर्ष 2016 में 70 व चालू वर्ष में 30 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 67 मामलों में चालान पेश किए और 77 मामलों में एफआर दे दी।
वर्ष मामले दर्ज चालान एफआर पेंडिंग
2015 317 100 119 98
2016 325 90 119 116
2017 261 83 78 100
कुल 903 273 316 314 अपराधों में कमी आई है
महिला अपराधों में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है। ऐसे मामलों की पुलिस बारीकी से जांच करती है। दोषियों के खिलाफ चालान पेश कर दिए।
प्रकाशकुमार शर्मा, एएसपी दौसा