मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महाकुंभ को सुविधाजनक बनाने व भीड़ प्रबंधन में सहयोग के लिए आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही कुंभ क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा, पेयजल, टॉयलेट, सफाई की व्यवस्था का ध्यान रखने के लिए कहा। इसके सकुशल कुंभ करवाने व कार्यों की निगरानी के लिए कमेटी भी बनायी जाएगी।
इसके साथ ही कुंभ के दौरान तीर्थनगरी में भीड़ के ऊचित प्रबंधन के लिए जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी व रेलवे अधिकारियों में समन्वय कर ऊचित कार्ययोजना बनाकर उसे लागू किया जाए। इसके अलावा बैरागी कैम्प व पार्किंग स्थलों पर अतिक्रमण की समस्या न आए, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि अखाड़ों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, इसलिए मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना अति आवश्यक है। जटवाड़ा पुल से हरकी पैड़ी तक घाटों का विस्तार करना जरूरी है। मेले के दौरान हिल बाईपास को खोले रखने के लिए प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कैंप के लिए पहले से ही स्थान चयन कर लिये जाए।
पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने बताया कि कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बीस हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। आग एवं भगदड़ की दुर्घटनाओं से निपटने के लिए विशेष कार्योजना बनाई जाएगी। इसके साथ ही श्रद्घालुओं के स्नान के लिए आवागमन के मार्गों की पूरी प्लानिंग की जाएगी।
जिलाधिकारी/मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत ने कहा कि कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए हरिद्वार में रेलवे ट्रेक डबल 27 किमी होना है। जिसमें से 27 किमी पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि एनएच कार्य जल्द पूर्ण होने पर कुंभ के दौरान श्रद्वालुओं के लिए काफी सुविधा हो जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव भूपेन्दर कौर औलख, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, गढ़वाल कमिश्नर बीवीआरसी पुरूषोत्तम, आईजी संजय गुंज्याल व सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।