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चुनाव आयोग के लाख जतन करने के बावजूद नहीं टूट पाया वर्ष 2014 का वोटिंग रिकार्ड,इस बार वोटिंग ग्राफ आया इतना नीचे

इस बार कुल 61.50 फीसद पहुंचा मतदान, वर्ष 2014 में 62.15 फीसदी वोटिंग हुई थी…
 

देहरादूनApr 13, 2019 / 09:55 pm

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(देहरादून): वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव का वोट प्रतिशत इस बार भी नहीं टूट पाया है। हालांकि राज्य निर्वाचन कार्यालय ने वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन इस बार राज्य निर्वाचन कार्यालय का मतदाताओं को वोटिंग देने के लिए प्रेरित करने का कोई भी फार्मूला कामयाब नहीं हो पाया है। वर्ष 2014 में उत्तराखंड का कुल वोट 62.15 प्रतिशत रहा। जबकि वर्ष 2019 में कुल 61.50 फीसद मतदान होने की पुष्टि राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा की गई है। इसके पहले 11 अप्रैल की शाम तक राज्य निर्वाचन कार्यालय ने कुल 57 .85 प्रतिशत वोटिंग होना का दावा किया था। साथ ही राज्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से यह बताया गया कि 12 अप्रैल की शाम तक करीब 2500 ईवीएम मशीनें जो काफी दूर दराज अंचलों में हैं, आने के बाद वोट प्रतिशत में वृद्धि हो सकती है। करीब 2500 ईवीएम मशीनों में पड़े मतों का प्रतिशत बढ़ा और कुल वोट 61.50 फीसद तक जा पहुंचा।


गौर करने की बात यह है कि 11 अप्रैल के दिन राज्य निर्वाचन दफ्तर ने शाम तक जो वोट प्रतिशत जारी किए उनमें काफी परिवर्तन देखने को मिला है। टिहरी गढ़वाल में 11 अप्रैल को 54.38 मत प्रतिशत रहा जबकि 12 अप्रैल को अंतिम वोट प्रतिशत जाकर 58.30 फीसद तक जा पहुंचा। पौड़ी में 11 अप्रैल को 49.89 फीसद रहा जबकि 12 अप्रैल को 54.47 फीसद तक पहुंच गया। ठीक यही स्थिति अल्मोड़ा की रही ,11 अप्रैल को 48.78 फीसद रहा जबकि 12 अप्रैल को 51.82 तक वोट प्रतिशत जा पहुंचा। नैनीताल -ऊधम सिंह नगर में 11 अप्रैल को 66.39 फीसद रहा जबकि 12 अप्रैल को यह बढक़र 68.69 फीसद तक जा पहुंचा। हरिद्वार में 11 अप्रैल की शाम तक 66.24 फीसद रहा जबकि 12 अप्रैल को यह वोट प्रतिशत बढक़र 68.92 पहुंच गया।

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