जनपद सदस्य मुकेश सोलंकी ने बताया कि ग्राम की गरीब महिला राधाबाई को लेकर वह एमजी अस्पताल पहुंचे थे। 3 फरवरी की रात में उसे भर्ती कराया। बिना जांचे डाक्टर अतुल पवनीकर ने उसे मिर्गी का मरीज बता दिया। सोलंकी ने बताया कि जो पर्चे में दवाई लिखी थी वे सिर्फ उल्टी, एसीडिटी और विटामीन की गोली लिख दी। दूसरे दिन 4 फरवरी को उसकी छुटटी कर दी। छुटी देने के बाद फिर उसे झटके आना शुरू हो गई। जिस पर परिजनों ने आरएमओ डॉ गौसर से संपर्ककिया। जिसे फिर 5 फरवरी को भर्ती कराया गया। उसे बिना जांच 6 फरवरी को छुटटी दे दी। जिस पर सोलंकी ने आपत्ति दर्ज कराई तो पवनीकर ने साफ मना कर दिया। सोलंकी ने बताया कि बिना जांच उसका इलाज किया जारहा है। जबकि मिर्गी के लिए जांच की जरूरत होती है जांच में मिर्गी पाए जाने पर इलाज किया जाता है, लेकिन डाक्टरों ने उसे उल्टी और विटामिन की गोली दे दी। सोलंकी ने शिकायत सीएम हेल्प लाईन में की। सोलंकी ने बताया कि डॉ गौसर की मदद से फिर मरीज को भर्ती कराया गया।
किसी के फोन उठाना पसंद नहीं करते पवनीकर सोलंक ने पवनीकर की शिकायत प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी, विधायक मनोज चौधरी से की। सोलंकी ने बताया कि दोनों ने पवनीकर को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन तक उठाना पसंद नहीं किया। एक चिकित्सक होने के बाद भी पवनीकर फोन उठाना पसंद नहीं करते है। बताया जाताहै फोन करने के पूर्व उन्हें मैसेज करना होता है। उनका मन होता है तो वे बात करते है, नहीं तो नहीं करते।