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क्रॉसिंग के दौरान नहीं देना पड़ रहा स्टॉपेज, ट्रेनों की गति बढ़ी, समय की भी बचत

उज्जैन-देवास-इंदौर रेलवे लाइन दोहरीकरण का कार्य हुआ पूरा, लग रहा कम समय, लोगों को भी हो रही सुविधा

देवासJan 16, 2024 / 11:18 pm

rishi jaiswal

क्रॉसिंग के दौरान नहीं देना पड़ रहा स्टॉपेज, ट्रेनों की गति बढ़ी, समय की भी बचत

क्रॉसिंग के दौरान नहीं देना पड़ रहा स्टॉपेज, ट्रेनों की गति बढ़ी, समय की भी बचत

आदर्श ठाकुर देवास. छह साल के लंबे इंतजार के बाद उज्जैन-देवास-इंदौर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य पूरा हो गया है। दोहरीकरण का कार्य पूरा होने के बाद ट्रैक से ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। ऐसे में इंदौर से देवास व देवास से उज्जैन के बीच क्रॉसिंग के दौरान ट्रेनों को किसी स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं देना पड़ रहा है। इससे ट्रेनें इंदौर-उज्जैन समय पर पहुंच रही है और यात्रियों के समय की बचत हो रही है। वहीं ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ी है। दोहरीकरण के बाद यातायात सुगम होने से भविष्य में कुछ और ट्रेनों के शुरू होने की संभावना भी बनी हुई है।
2018 में शुरू हुआ था जमीनी काम

उल्लेखनीय है कि उज्जैन-देवास-इंदौर रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के प्रोजेक्ट को नवंबर 2017 मेें रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति दी थी। इसके बाद 2018 में जमीनी काम शुरू हो गया था। 79.23 किलोमीटर के कार्य में 2021 के अंत तक उज्जैन के सी केबिन से कड़छा स्टेशन तक 18 किलोमीटर तक दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया था और नए ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया था। दूसरे चरण में कड़छा से बरलाई स्टेशन के बीच कार्य किया। इसके बाद अंतिम चरण में बरलाई से इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर के बीच कार्य हुआ जो पिछले माह दिसंबर में पूरा हुआ। सीआरएस का निरीक्षण होने के बाद अब पूरा ट्रैक ट्रेनों के संचालन के लिए शुरू हो गया है। दोहरीकरण के पूरे प्रोजेक्ट पर 760 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
भविष्य में होगा फायदा

जानकारों की माने तो ट्रैक का दोहरीकरण होने के बाद यातायात सुगम हो गया है। ऐसे में भविष्य में इंदौर से कुछ नई ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकता है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का कार्य भी होना है। इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन का कार्य पूरा होने के बाद दक्षिण भारत के राज्यों व मुंबई जाने के लिए नया ट्रेन रूट मिल जाएगा। इससे समय की भी बचत होगी। अभी दक्षिण भारत जाने वाले ट्रेनें मुंबई रूट या भोपाल-इटारसी-खंडवा होकर जाती हैं। ऐसे में देवास से होकर भी ट्रेनें इंदौर की ओर जाएंगी।
डेमू ट्रेनों से हो सकता है अपडाउनर्स को फायदा

उल्लेखनीय है कि शहर से बड़ी संख्या में लोग इंदौर-उज्जैन अपडाउन करते हैं। अभी उज्जैन से इंदौर के बीच केवल एक ही लोकल ट्रेन चलती है। ऐसे में यात्रियों को एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोच में सफर करना पड़ता है। ऐसे में अब इंदौर-उज्जैन के बीच देवास होकर डेमू ट्रेन का संचालन करने की मांग भी उठ रही है। अगर यह ट्रेन शुरू होती है तो अपडाउनर्स को काफी फायदा होगा।
फैक्ट्स:

-79.23 किलोमीटर तक किया दोहरीकरण

-नवंबर 2017 मेें रेलवे बोर्ड दी थी स्वीकृति

-2018 में शुरू हुआ था जमीनी कार्य

-5000 लोग रोज विभिन्न साधनों से अपडाउन करते हैं इंदौर
-रेलवे ट्रैक दोहरीकरण का कार्य पूरा हो गया है। नए ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया है। दोहरीकरण से यातायात सुगम हुआ है। ट्रेनें समय पर पहुंच रही है। साथ ही रफ्तार भी बढ़ गई है। यातायात सुगम होने से भविष्य में नई ट्रेनों का संचालन भी किया जा सकता है।
-खेमराज मीना, पीआरओ, रेलवे

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