रेलवे की एनओसी नहीं मिलने से इस जगह पर नगर निगम पक्के नाले का निर्माण नहीं करा पा रहा हैं। नगर निगम ने इसे लेकर कई बार रेलवे को पत्र लिखा। आखिरकार सोमवार सुबह 11.30 बजे के करीब रतलाम से रेलवे के सीनियर इंजीनियर व अन्य लोगों का स्टाफ पहुंंचा। नगर निगम के कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी व निगम के अन्य तीन इंजीनियरों ने रेलवे के सीनियर इंजीनियर बीडी पुष्कर को निरीक्षण कराकर रेलवे की खाली जमीन पर भरे पानी की वास्तविक स्थिति बताई। मौके पर रतलाम से आई टीम ने नपती की व मेंढकीचक क्षेत्र तक पटरी के आसपास भरे पानी को जाकर देखा।
निगम कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी ने रेलवे के सीनियर इंजीनियर बीडी पुष्कर व उनकी टीम को जानकारी दी कि रेलवे के आसपास पटरी तक पानी सालभर भरा रहता हैं। इसका एक मात्र यही इलाज है कि रेलवे एनओसी दे दे तो हम यहां पक्का नाला निर्माण कर उसका आगे के लिए रास्ता निकाल दे। इस पर सीनियर इंजीनयर पुष्कर ने हामी भरते हुए प्रपोजल आगे अधिकारियों को भेजने की बात कही। मौके पर ही कुछ आनंद नगर के कुछ रहवासी भी पहुंच गए थे। रहवासी इशरार कुरैशी ने रेलवे के सीनियर इंजीनियर को बताया कि बारिश में नाले का पानी पटरियों को भी डूबा देता हैं।
हम ट्रेक सेंटर से लेते आप कहां से लेते पता नहीं नगर निगम के अफसरों ने मौके पर नक्शा भी बताया जिसके अनुसार रेलवे ट्रेक पर भरे पानी की समस्या खत्म करने के लिए नाले निर्माण का काम होगा, इस पर रेलवे के सीनियर इंजीनियर पुष्कर बोले कि हम ट्रेक सेंटर से रेलवे जमीन नपती शुरू करते हैं, आप ने किस अनुसार नपती कर नक्शा बनाया ये पता नहीं। इस पर निगम के कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी बोले कि आप अपने अनुसार एप्रूवल दे दीजिए हमें कोई आपत्ती नहीं हैं। मौका निरीक्षण के लिए साथ में आपका एक इंजीनियर रख लीजिए, उसके साथ हमारा भी एक इंजीनियर घूम लेगा।
ट्रेक के दोनों तरफ भरा पानी
रेलवे अफसरों को भी अब चिंता सता रही है कि अगर सालभर रेलवे की खाली जमीन पर ऐसे ही पानी भरा रहता है तो उससे रेलवे ट्रेक को भी नुकसान होने का अंदेशा रहेगा। नगर निगम पहले ही कई बार रेलवे को पत्र लिख चुका हैं। निगम ने अपने पत्रों में रेलवे ट्रेक के आसपास के रहवासी बस्तियों के लोगों के सेहत का सवाल भी उठाया था। वहीं आनंद नगर के रहवासियों ने पत्रिका से चर्चा में बताया कि रेलवे ट्रेक की खाली जगह पर भरे पानी का कोई रास्ता नहीं होने से हम सालभर परेशान रहते हैं। यहां पर सालभर गंदगी फैली रहती हैं।
रेलवे की जमीन पर शहर के नालों का पानी आकर गिरता हैं। रेलवे की एनओसी नहीं मिलने के कारण हम यहां पर पक्के नाले का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। रेलवे ट्रेक के आसपास भी पानी सालभर भरा रहता हैं। इसे लेकर रेलवे को कई पत्र लिखे थे, जिसके बाद उनकी टीम रतलाम से निरीक्षण के लिए आई थी। टीम ने निरीक्षण के बाद वास्तविक स्थिति देख ली हैं। रेलवे से परमिशन मिलते ही यहां पर पानी भराव की समस्या खत्म हो जाएगी।
कैलाश चौधरी, कार्यपालन यंत्री
नगर निगम देवास।
ट्रेक के दोनों तरफ भरा पानी
रेलवे अफसरों को भी अब चिंता सता रही है कि अगर सालभर रेलवे की खाली जमीन पर ऐसे ही पानी भरा रहता है तो उससे रेलवे ट्रेक को भी नुकसान होने का अंदेशा रहेगा। नगर निगम पहले ही कई बार रेलवे को पत्र लिख चुका हैं। निगम ने अपने पत्रों में रेलवे ट्रेक के आसपास के रहवासी बस्तियों के लोगों के सेहत का सवाल भी उठाया था। वहीं आनंद नगर के रहवासियों ने पत्रिका से चर्चा में बताया कि रेलवे ट्रेक की खाली जगह पर भरे पानी का कोई रास्ता नहीं होने से हम सालभर परेशान रहते हैं। यहां पर सालभर गंदगी फैली रहती हैं।
रेलवे की जमीन पर शहर के नालों का पानी आकर गिरता हैं। रेलवे की एनओसी नहीं मिलने के कारण हम यहां पर पक्के नाले का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। रेलवे ट्रेक के आसपास भी पानी सालभर भरा रहता हैं। इसे लेकर रेलवे को कई पत्र लिखे थे, जिसके बाद उनकी टीम रतलाम से निरीक्षण के लिए आई थी। टीम ने निरीक्षण के बाद वास्तविक स्थिति देख ली हैं। रेलवे से परमिशन मिलते ही यहां पर पानी भराव की समस्या खत्म हो जाएगी।
कैलाश चौधरी, कार्यपालन यंत्री
नगर निगम देवास।
रेलवे की जमीन पर पानी आता हैं। नगर निगम वहां नाला निर्माण के लिए परमिशन मांग रहा हैं। रेलवे की टीम को मौका निरीक्षण के लिए भेजा था। एक प्रस्ताव मुख्यालय को अब जल्द भेजा जाएगा। मुख्यालय से अनुमोदन मिलते ही निगम को निर्माण की अनुमति दे दी जाएगी।
आरएल सुनकर
डीआरएम रतलाम मंडल।
आरएल सुनकर
डीआरएम रतलाम मंडल।