धमतरी

डिजिटल इंडिया का प्लान हुआ ठप , सरकार चल रही कछुए की चाल

जिले में डिजीटल इंडिया का सपना साकार होते नहीं नजर नहीं आ रहा है। यहां आज भी हजारों लोगों को मोबाइल, कम्प्यूटर, इंटरनेल चलाना नहीं आता है।

धमतरीMar 06, 2018 / 11:08 am

Deepak Sahu

धमतरी. जिले में डिजीटल साक्षरता अभियान अभी भी कछुआ चाल से चल रहा है। यहां 1 लाख 73 हजार लोगों को कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना है, जिसमें से सिर्फ करीब 10 हजार ही प्रशिक्षित हो पाए हैं। अब बचे हुए लोगों को डिजीटल रूप से साक्षर बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता लेने की तैयारी चल रही है।

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जिले में डिजीटल इंडिया का सपना साकार होते नहीं नजर नहीं आ रहा है। यहां आज भी हजारों लोगों को मोबाइल, कम्प्यूटर, इंटरनेल चलाना नहीं आता है। ऐसे लोगों के लिए शासन ने डिजीटल साक्षरता अभियान शुरू किया है, जिसका रिस्पांस अच्छा नहीं मिल रहा है। यहां ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं, जिसका काम रोज कमाना और खाना है। 20 घंटे का प्रशिक्षण लेने के लिए वे सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में लगता नहीं है कि सन् 2022 तक पूरा जिला डिजीटल रूप से साक्षर हो पाएगा, क्योंकि एक साल में सिर्फ 10 हजार लोग ही साक्षर हो पाए हैं। अगर इस गति से यह अभियान चलता रहा, तो सिर्फ 60 हजार ही लाभान्वित हो पाएंगे।

 

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एनआईसी अधिकारी उपेन्द्र सिंह चंदेल ने बताया कि आम लोगों को डिजीटल रूप से साक्षर किया जा रहा है। प्रशिक्षण देने के बाद परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले लोगों को प्रमाण भी दिया जाता है।

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