उल्लेखनीय है कि सावन के महीने में क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश नहीं हुई, जिसके चलते धान की फसलों को पानी नहीं मिलने से पौधे को नुकसान हो रहा था, जिसके चलते किसान कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे की मांग कर रहे थे।
इसके बाद शासन ने महानदी मुख्य नहर के टेल एरिया में सर्वे भी कराया, जिसके बाद कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के निर्देश पर शनिवार को गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ दिया गया है। बांध के कंट्रोल रूम के अनुसार सुबह साढ़े 9 बजे सिंचाई अधिकारी अजय ठाकुर के निर्देश पर इंजीनियरों ने बांध के रेडियल गेट क्रमांक-8 को खोलकर करीब 507 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। करीब तीन घंटे के बाद इस गेट बंद कर दिया गया। दोपहर तीन बजे की स्थिति में पावर प्लांट के लिए बनाए गए गेट को खोलकर 1250 क्यूसेक पानी खेतों की सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा है। पहले इस पानी को रूद्री स्थित बॅराज में एकत्रित किया गया, जिसके बाद प्रदायक नहर के जरिए पानी को आगे छोड़ा गया।
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