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धमतरी

बड़ा खुलासा: फर्जी डिग्री के सहारे स्कूलों में नौकरी कर रहे थे 42 शिक्षाकर्मी, 15 साल बाद खुला राज

Job fraud in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें फर्जी डिग्री के सहारे स्कूलों में 42 शिक्षाकर्मियों को नौकरी करते पकड़ा गया है।

धमतरीSep 02, 2019 / 07:09 pm

Ashish Gupta

बड़ा खुलासा: फर्जी डिग्री के सहारे स्कूलों में नौकरी कर रहे थे 42 शिक्षाकर्मी, 15 साल बाद खुला राज

बड़ा खुलासा: फर्जी डिग्री के सहारे स्कूलों में नौकरी कर रहे थे 42 शिक्षाकर्मी, 15 साल बाद खुला राज

धमतरी. Job fraud in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में फर्जी नौकरी (Fake Job) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, फर्जी डिग्री के सहारे जिला में शिक्षक बने 42 लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चार सदस्यीय अधिकारियों की टीम के प्रतिवेदन सौंपे जाने के बाद भी यह फाइल जिला पंचायत में अटक गई है। इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पन्द्रह साल पहले वर्ष-2006-07 में जिला पंचायत धमतरी में शिक्षाकर्मी वर्ग-2 में 132 पदों पर शिक्षकों की भर्ती हुई थी। ऐसी शिकायत मिली थी कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों में ताक में रख दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता कृष्णकुमार साहू ने सूचना के अधिकार के तहत जो दस्तावेज प्राप्त किए, उसमें पता चला है कि चयनित 42 लोगों की अंकसूची, डीएड, अनुभव प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेजों में काफी त्रुटियां है। इसके बाद उन्होंने इस फर्जीवाड़े की शिकायत कलक्टर से की थी।
कलक्टर रजत बंसल के निर्देश पर चार सदस्यीय जांच टीम बनाई गई। इस टीम में अपर कलक्टर केआर ओगरे, जिला शिक्षा अधिकारी टीके साहू समेत दो अन्य डिप्टी कलक्टरों की टीम ने भर्ती प्रक्रिया की सूक्ष्म जांच की। इसके बाद शिकायत सही पाई गई। जांच रिपोर्ट को आगे कार्रवाई के लिए जिला पंचायत के सीईओ को सौंप दिया गया। महीने भर के बाद भी फर्जी शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सत्ता का दबाव
ऐसी जानकारी मिली है कि इस फर्जीवाड़े पर पर्दा डालने की कोशिश शुरू हो गई है। प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के कुछ लोग नहीं चाहते कि शिक्षाकर्मी प्रभावित हो। इसके लिए वे अपनी ओर से पूरा दबाव बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में भाजपा शासनकाल में भी जांच कार्रवाई को काफी प्रभावित किया गया था।

उधर, आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू का आरोप है कि फर्जी शिक्षाकर्मियों के खिलाफ जिला प्रशासन गंभीरता से कार्रवाई नहीं कर रहा है। यही वजह है कि फर्जी शिक्षाकर्मियों का हौसला बढ़ा हुआ है। जनपद पंचायत में भी फर्जीवाड़ा हुआ है।
कलक्टर रजत बंसल ने कहा, शिक्षाकर्मी वर्ग-2 फर्जीवाड़े मामले की जांच में आरोपों की पुष्टि हो गई है। कार्रवाई के लिए सीईओ से फाइल मंगाई गई है। फाइल मिलते ही संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
सीईओ विजय दयाराम ने कहा, चार सदस्यीय आला अधिकारियों ने जो जांच रिपोर्ट तैयार की है, वह मुझे मिल गई है। आगे कार्रवाई के लिए कलक्टर को फाइल भेजा जाएगा।

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