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इस दौरान ऊपर पहाड़ी में छिपकर बैठे तेंदुए ने मासूम बच्चे पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। तेंदुआ कुछ दूर तक बच्चे को घसीटते ले गया। तेंदुए के हमले में बच्चा बुरी तरह घायल हो गया। जिसके बाद पहाड़ी में मौजूद लोगों को आते देख तेंदुआ भाग गया। घटना की सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पहुंचा। परिजन जब बच्चे को गंभीर हालत में नगरी अस्पताल लेकर जा रहे थे, तभी उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। आशीष अपने घर का अकेला बेटा था। इस घटना के बाद गांव में मातम का माहौल और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।यह भी पढ़ें: थाईलैंड से लखनऊ आई कॉलगर्ल की कोविड से मौत मामले में जानिए क्या है रायपुर कनेक्शन
परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश
इधर, इस घटना के बाद से वन विभाग के खिलाफ परिजन और ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि गांव में पिछले छह महीने से तेंदुए का आतंक है। अभी भी पहाड़ी में तीन तेंदुआ मौजूद है, जो शाम होते ही गांव में शिकार के लिए आ जाता है। यहां पहले भी तेंदुआ कई मवेशियों का शिकार कर चुका है। उन्होंने कहा है कि वन अमला तेंदुआ को पकड़कर किसी सुरक्षित स्थान में छोड़े जिससे आगे और इस की घटना न हो।
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वहीं इस मामले में वन अधिकारी अतुल बाजपेयी ने बताया कि आज सुबह बच्चा और भी कुछ लोगों के साथ चार खाने पहाड़ी पर गया था। इस दौरान तेंदुआ ने उस पर हमला कर दिया। जिससे बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। इस प्रकरण में 6 लाख का मुआवजे का प्रावधान है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजा राशि दिया जाएगा।