यह भी पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट पर पकडा गया सोने का ताला, कीमत ग्यारह लाख से भी ज्यादा
यह प्रेरक वाक्या झारखंड के लातेहार जिले के उद गांव का है। मुख्य सड़क को जोड़ने के लिए गांव में 2 किलोमीटर लंबी सड़क बहुत वर्षों पहले बनाई गई थी। गांव वाले मुख्य सड़क एसएच-10 तक जाने के लिए इसी का प्रयोग करते थे। लगातार बारिश झेलने के कारण सड़क की हालत अब खराब हो चली थी। हालात यह थे कि मिट्टी और मोरम से बनी सड़क से अब पत्थर बाहर निकलने लगे थे।
Corona Update: देश में रिकॉर्ड 40,425 नए केस के साथ 11 लाख के पार हुआ आंकड़ा, एक दिन में 681 मरीजों की मौत
यह पत्थर गावं वालों के पैरों में चुभने लगे। इस पर चलना मानों कांटों पर चलने के समान था। गांव वालों ने सड़क को दुरुस्त करने की सोची। इसके लिए उन्होंने प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाई। लंबे समय तक जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो गांव वाले खुद ही सड़क को ठीक करने में जुट गए। ग्रामीणों ने एकजुट होकर दो किलोमीटर लंबी सड़क पर मिट्टी डालकर इसकी मरम्मत कर दी। अब यह ठीक हो गई है तो गांव वालों को भी आने जाने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है।