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Bhojshala ASI Survey : भोजशाला सर्वे का छठा दिन, मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद मजदूरों को मिली एंट्री, दोनों पक्ष मौजूद

जांच टीम आज कुछ खुदाई कार्य भी कर रही है, जिसके चलते मजदूरों को बुलाया गया। भोजशाला परिसर में प्रवेश से पहले सभी मजदूरों की मेटल डिटेक्टर से जांच की गई। इसके बाद उन्हें अंदर प्रवेश मिला।

धारMar 27, 2024 / 03:07 pm

Faiz

Bhojshala ASI Survey 6th day

Bhojshala ASI Survey : भोजशाला सर्वे का छठा दिन, मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद मजदूरों को मिली एंट्री, दोनों पक्ष मौजूद

 

मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम द्वारा शुरु किए गए सर्वेक्षण का आज छठा दिन है। हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेश के तहत पुरातत्व विभाग की सर्वे टीम के साथ दोनों पक्षों के लोग भी सुबह सवा आठ बजे भोजशाला परिसर पहुंच गए थे। वहीं, जांच टीम आज कुछ खुदाई कार्य भी कर रही है, जिसके चलते मजदूरों को भी बुलाया गया। हालांकि, भोजशाला परिसर में प्रवेश करने से पहले सभी मजदूरों की मेटल डिटेक्टर से जांच की गई। इसके बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया। फिलहाल, बुधवार को टीम द्वारा दिशा-निर्देशों के अनुसार सर्वेक्षण शुरु कर दिया गया है।


आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को टीम ने साढ़े 9 घंटे से ज्यादा समय तक सर्वे कार्य किया था। टीम सुबह 7 बजे भोजशाला पहुंची थी और शाम 4 बजकर 50 मिनट पर बाहर आई। टीम ने मंगलवार को भोजशाला में खुदाई करवाई। साथ ही पत्थरों, शिलालेखों और स्तंभों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी समेत कार्बन डेटिंग की गई। सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू समाज की ओर से मौजूद समिति के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि मंगलवार होने के कारण भोजशाला के पीछे की तरफ सर्वे हुआ। अंदर से जो भी प्रमाण निकले हैं, उन्हें टीम अपने संरक्षण में ले रही है। सर्वे पूरा होगा तो सच्चाई सबके सामने होगा।

 

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हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में याचिका दायर करने वाले आशीष गोयल ने बुधवार को भोजशाला में जाते समय मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि टीम वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर ही अपने काम कर रही है। हम सर्वे से संतुष्ट हैं। सर्वे टीम ने उनके स्टैंडर्ड बना रखे हैं। कोर्ट ने आदेश में एक-एक चीज स्पष्ट कर दी है। टीम ने सर्वे के लिए 50 मीटर के एरिया निर्धारित किया है।

 

गोयल ने आगे बताया कि जीपीआर तकनीक, उत्खनन आदि सभी तकनीक का उपयोग सर्वे के दौरान किया जा रहा है। इसके अलावा ग्राउंड लेवल की टीम को बहुत काम करने होते हैं। पिछले 5 दिनों में टीम ने खुदाई की, मैपिंग की, कई जगह के मेजरमेंट किये। सैंपलिंग के लिए कुछ मिट्टी भी ली गई है, जिसे टीम जांच के लिए ्पने साथ ले गई।

 


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– भोजशाला कों अंदर बाहर नापा गया मतलब लम्बाई चौड़ाई का मेजरमेंट मिलाया गया।
– भोजशाला के अंदर बाहर से मिट्टी के सेम्पल लिए गए।
– खुदाई करके निकाले गए पत्थरों के सेम्पल लिए गए जिससे भोजशाला की उम्र पता की जा सके।
– कार्बन डेटिंग की गई, भोजशाला के अंदर मौजूद पत्थरों पर मौजूद कलाकृतियों कों रिकॉर्ड किया उनके सबूत लिए।
– भोजशाला के बाहरी हिस्से में अबतक 3 से अधिक पांच से 6 फ़ीट तक के गड्डे खोदे गए जिनमें से मिट्टी और पत्थर निकाले गए।
– भोजशाला के बाहर कमाल मौला मज्जिद तक मार्किंग की गई।

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