चौराहों पर लगवाई पर उठक-बैठक शहर के चौराहों पर पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। मंगलवार को कोरोना कफ्र्यू के दौरान पुलिस की सख्ती देखने को मिली। मोहन टॉकिज, घोड़ा चौपाटी चौपाटी, आनंद चौपाटी, हटवाड़ा आदि स्थानों पर पुलिस ने आने-जाने वालों को रोका और घर लौटाया। घोड़ा चौपाटी-मोहन टॉकिज क्षेत्र में जिन लोगों ने घर से बाहर निकलने का कारण ठीक नहीं बताया, उन्हें एक दिन के लिए अस्थायी जेल में रहना पड़ा। शाम 6 बजे इन सभी को जेल से छोड़ा गया।
घोडा चौपाटी से लेकर मोहन टाकीज चौराहे तक सख्ती पुलिस-प्रशास ने संयुक्त कार्रवाई की। घोडा चौपाटी पर पुलिसअधीक्षक आदित्यप्रतापसिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार,डीएसपी अजाक निलेश्वरी डाबर, टीआई कमल सोलंकी मौजूद रहे। शहर से आने और जाने वालों परसख्ती की गई। मोहन टाकीज चौराहे पर सूबेदार रोहित निक्कम ने मोर्चा संभाला हुआ था।
जेल प्रबंधन ने एक कमरे में ही सभी को ठूंस दिया अस्थाई जेल उत्कृष्ट विद्यालय में बनाई थी। सडक पर नियम का पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन का अमला पसीना बहा रहा था। नियम तोडने वालों को उत्कष्ट विद्यालय भेजा जा रहा था। अस्थाई जेल की जिम्मेदारी जेल प्रबंधन पर थी। प्रबंधन के जवानों द्वाराबाहर नाम, पता लिखाजा रहा था। इसके बाद नियम तोडने वालों को एक ही कमरे में ठूंस दिया। ढेर साले लोगों को एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया। यहां इनके बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी। बाद में सिटी मजिस्टे्रट ने एककमरे में भीड देखकर दूसरा कमरा खोलकर आधों को वहां शिफ्ट करने के निर्देश दिए। अस्थाई जेल के मामले में जेल प्रबंधन की लापरवाही साफ नजर आई।
झलकिया – दो महिलाएं झोला लेकर जा रही थी पूछा तो बोले सब्जी लेने जा रही हूं।
– एक युवक को पकड़ा को गैस कंपनी की डायरी दिखाकर बोला सिलेंडर लेने जा रहा हूं।
-दो युवक मोहन टाकीज चौराहे से गुजरे पकडा तो बोले वकील से मिलने जा रहे है।
– सिटी मजिस्टे्रट चौराहों से लेकर अस्थाई जेल का बार-बार निरीक्षण करती नजर आई।