
यहां जानिए लक्षागृह बनाने के पीछे की साजिश।
Mahabharat: महाभारत का युद्ध दुनिया के सबसे बड़े युद्धों का उदाहरण है। जो कौरव और पांडवों के बीच लड़ा गया था। इस भीषण संग्राम की कहानियां लोग आज भी पढ़ना सुनना पसंद करते हैं। जो कि रोचक भी हैं। कहा जाता है कि महाभारत की लड़ाई में छल,कपट और चतुराई से लेकर कोई कृत्य ऐसा नहीं था। जो इस युद्ध में अपनाया नहीं गया हो। आज हम आपको एक ऐसी ही साजिश के बारे में बताएंगे। जो कौरवों ने पांडवों के खिलाफ रची थी।
महाभारत युद्ध के दौरान लक्षागृह कौरवों द्वारा रचे गए एक षड्यंत्र का प्रमुख उदाहरण है। ऐसा माना जाता है कि इस षड्यंत्र का उद्देश्य पांडवों को धोखे से समाप्त करना था। दुर्योधन और शकुनि पांडवों की लोगों के बीच में बढ़ती लोकप्रियता और उनकी शक्ति से भयभीत थे। उन्होंने षड्यंत्र रचकर एक ऐसा महल तैयार कराया जो बाहर से भव्य और सुरक्षित दिखता था। लेकिन उसकी हकीकत कुछ और ही थी। वह महल ज्वलनशील पदार्थों से मिलकर बनाया गया था।
ऐसा माना जाता है कि कौरव पांडवों को परिवार से दूर ले जाकर गुप्त रूप से उनकी हत्या करना चाहते थे। कौरवों ने एक दिन पांडवों को वारणावत में एक उत्सव के बहाने से भाग लेने के लिए भेजा। साथ ही उनसे कहा कि वहां आपके के रहने के लिए शानदार लक्षागृह का निर्माण कराया गया। दुर्योधन के मामा शकुनि ने इस षड्यंत्र को चतुराई से रचा कि पांडव इसे एक सामान्य महल समझकर उसमें रहने के लिए सहमत हो गए।
कौरवों की पांडवों को मारने की यह साजिश असफल रही। क्योंकि विदुर ने पांडवों को इस षड्यंत्र के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। साथ ही पांडवों को वहां से सुरक्षित निकलने के लिए एक गुप्त सुरंग बनाने की सलाह भी दी। माना जाता है कि भीम में सौ हाथियों के बराबर बल था। भीम और उनके सभी भाइयों ने मिलकर विदुर के कहने पर लत्काल सुरंग तैयार करली। जब कौरवों ने लक्षागृह को जलाने की योजना बनाई तो पांडव पहले ही सुरंग के माध्यम से सुरक्षित बाहर निकल आए।
महाभारत में लक्षागृह की घटना सबसे रोमांचक और महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक मानी जाती है। इससे यह साबित कि षड्यंत्र और छल के बल पर किसी को स्थायी रूप से हराया नहीं जा सकता। पांडवों ने अपनी सूझबूझ और विदुर जैसे विद्वान समर्थकों की मदद से इस षड्यंत्र को नाकाम कर दिया।
Published on:
28 Nov 2024 11:26 am
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