
Hanuman Jayanti 2025 Date Puja Muhurt in Panchgrahi Yog after 57 years: पंचग्रही योग में 57 साल बाद मनाई जाएगी हनुमान जयंती
Hanuman Jayanti 2025 Puja Vidhi: ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार इस साल चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन भक्त हनुमान जी की पूरे विधि-विधान से पूजा करेंगे। विशेष बात यह है कि चैत्र पूर्णिमा पर 12 अप्रैल को पंचग्रही युति योग में हनुमानजी का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा।
डॉ. व्यास के अनुसार विशेष यह है कि हनुमान जयंती पर इस बार 57 साल बाद पंचग्रही युति योग बन रहा है। इस योग में हनुमान आराधना सुख, समृद्धि और ग्रहों की अनुकूलता के लिए विशेष मानी गई है और पांच ग्रहों की साक्षी में ही संकट मोचन हनुमानजी का जन्मोत्सव 2025 इस साल मनाया जाएगा। इस समय मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, शनि और राहु की युति बन रही है। पंचग्रही युति में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए हनुमानजी की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार त्रेता युग में हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा पर मंगलवार को सुबह हुआ था। इसी वजह से हर मंगलवार हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। इसके अलावा शनिवार भी हनुमान जी को प्रिय है।
त्रेता युग में रुद्रावतार हनुमानजी के पिता केसरी और माता अंजनी थीं। हनुमान जी महाराज को अलौकिक और दिव्य शक्तियां प्राप्त हैं। उन्हें बल, बुद्धि, विद्या का दाता कहा जाता है। हनुमान जी महाराज के पास अष्ट सिद्धि और नवनिधि हैं। शिव पुराण के अनुसार हनुमान जी ही शिवजी के 11वें अवतार हैं। हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से भी जाना जाता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह 3:21 मिनट पर हो जाएगी। इसका समापन 13 अप्रैल को सुबह 5:51 बजे होगा। इसलिए हनुमान जयंती 12 अप्रैल को ही मनाई जाएगी और ब्रह्म मुहूर्त में हनुमानजी की पूजा करना शुभ रहेगा।
कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार हनुमान जी महादेव के 11वें अवतार हैं। हनुमान जी की पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों को बजरंगबली का आशीर्वाद मिलता है और ऐसे भक्त के जीवन में किसी प्रकार का संकट नहीं आता है, इसलिए हनुमान जी को संकट मोचक भी कहा गया है।
जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं या फिर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उन लोगों को हनुमान जी की पूजा विधि करना चाहिए। ऐसा करने से शनि ग्रह से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती है। हनुमान जी को मंगलकारी कहा गया है, इसलिए इनकी पूजा जीवन में मंगल लेकर आती हैं।
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार जब किसी एक राशि में पांच ग्रह एक साथ एकत्र हो जाते हैं तो पंचग्रही योग बनता है। इस योग का दूरगामी असर होता है। हनुमान जयंती पर मीन राशि में पांच ग्रह सूर्य, राहु, बुध, शनि, शुक्र एक साथ होकर पंचग्रही योग बना रहे हैं।
ये योग उतार चढ़ाव और उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न करता है, लेकिन सामूहिक रूप से रूप से हनुमत पूजन सभी ग्रह जनित अनिष्ट का नाश कर देता है। इसलिए मीन राशि में सूर्य बुध शुक्र शनि राहु की मौजूदगी के प्रभाव से अप्रभावित रहने के लिए हनुमान जयंती पर हनुमान जी की आराधना और हवन पूजा आवश्यक है।
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार जब अलग-अलग स्थान पर सभी राम हनुमान भक्त एक ही दिन, समय मुहूर्त में एक साथ अपनी- अपनी आराधना पूजन हवन इत्यादि करते हैं तो सबकी सम्मिलित सामूहिक पूजा ब्राह्मण की विराट चेतना का रूप लेकर समस्त प्रकार के अनिष्ट से देश समाज और विश्व की रक्षा करती है।
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि धर्म ग्रंथों में 8 ऐसे पौराणिक पात्रों के बारे में बताया गया है, जिन्हें अमर माना जाता है। हनुमानजी भी इनमें से एक है। इस संबंध में एक श्लोक भी मिलता है। उसके अनुसार…
अश्वत्थामा बलिव्यासो हनूमांश्च विभीषण:।
कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।
अर्थः अश्वत्थामा, दैत्यराज बलि, महर्षि वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि, ये 8 अमर हैं। रोज सुबह इनका स्मरण करने से निरोगी शरीर और लंबी आयु मिलती है।
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना अच्छा माना गया है। आइये जानते हैं हनुमानजी की पूजा विधि
1.हनुमान जन्मोत्सव के दिन जातक को ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
2. इसके बाद घर की साफ-सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव कर घर को पवित्र कर लें।
3. स्नान आदि के बाद हनुमान मंदिर या घर पर पूजा करनी चाहिए।
4. पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर और चोला अर्पित करना चाहिए।
5. मान्यता है कि चमेली का तेल अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
6. पूजा के दौरान सभी देवी-देवताओं को जल और पंचामृत अर्पित करें। अब अबीर, गुलाल, अक्षत, फूल, धूप-दीप और भोग आदि लगाकर पूजा करें।
7. सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान जी को विशेष पान का बीड़ा चढ़ाएं। इसमें गुलकंद, बादाम कतरी डालें। ऐसा करने से भगवान की विशेष कृपा आपको मिलती है।
8. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और हनुमान आरती का पाठ करें। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
संबंधित विषय:
Updated on:
11 Apr 2025 11:22 am
Published on:
09 Apr 2025 08:49 pm
बड़ी खबरें
View Allपूजा
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
