पीड़ित नाबालिग छात्र के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि उसका 10 वर्षीय नाबालिक बेटा छठवीं कक्षा में अध्ययनरत है। विद्यालय के लंच टाइम में उसका बेटा विद्यालय के ही पास में बने आयुर्वेद चिकित्सालय की तरफ खेलते खेलते चला गया।
बालक को अकेला देख चिकित्सालय में तैनात आरोपी आयुर्वेदिक चिकित्सक धर्म सिंह उर्फ धर्मा ने बहला-फुसलाकर चिकित्सालय में बुला लिया और उसको को चंद रुपयों का प्रलोभन देकर उसके साथ गलत काम किया। आरोपी चिकित्सक ने घटना किसी को नहीं बताने की कह कर नाबालिग को छोड़ दिया और किसी को बताने पर आरोपी चिकित्सक ने जान से मारने की भी धमकी दी।
घटना के बाद मासूम बालक काफी भयभीत बना हुआ है। घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित बालक की तबीयत खराब होने पर पिता अपने बेटे को जपावली आयुर्वेदिक चिकित्सालय ले जाने लगा। इस पर 10 वर्षीय नाबालिग पीड़ित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में जाने से भयभीत दिखा तथा नहीं जाने की जिद पर अड़ गया और रोने लगा।
परिजनों के पूछे जाने पर नाबालिग ने चार-पांच दिन पूर्व हुई आप बीती घटना से परिजनों को अवगत कराया तो परिजनों के होश उड़ गए। इस पर पीड़ित के पिता ने आरोपी चिकित्सक के खिलाफ पुलिस थाना कंचनपुर में मामला दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी चिकित्सक की तलाश शुरू कर दी है।