को समाप्त हो गया। अभियान में एसआईटी टीम ने जगह-जगह कार्रवाई की। इसमें खनन विभाग के अलावा सरकारी की दूसरी एजेंसी राजस्व, वन, परिवहन, पुलिस विभाग भी शामिल रहा। अभियान की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी।
अभियान में चोरी की खनिज सामग्री ले जाते 51 वाहन जब्त अभियान के दौरान जिलेभर में कार्रवाई की गई। गठित एसआईटी टीमों बसेड़ी, सरमथुरा, सैंपऊ, राजाखेड़ा और धौलपुर क्षेत्र में कार्रवाई की। इस दौरान चोरी कर अवैध खनिज सामग्री ले जाते हुए 51 वाहन जब्त किए गए। इसमें ट्रक व ट्रेक्टर-ट्रॉली के अलवा एक हाइड्रा मशीन भी शामिल है। अभियान में कुल 50 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हुए। इसके अलावा अवैध रूप से खनिज सामग्री ले जाने वालों पर मौके पर जुर्माना किया गया। अभियान में करीब 18 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया।
वन संरक्षित क्षेत्र में स्वयं डीएम ने पकड़ा अवैध खनन यहां बसेड़ी उपखण्ड के रमधा के वन संरक्षित क्षेत्र में जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने अभियान की शुरुआत में कार्रवाई कर सभी को चौका दिया। यहां बड़े स्तर पर खनिज सामग्री चोरी हो रही थी। लेकिन इससे पहले न तो वन और न ही खनिज विभाग प्रशासन ने कार्रवाई करने का प्रयास किया। इससे इन विभागों के कामकाज करने के तरीके पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
शहर के आसपास जमकर पत्थर चोरी एक तरफ अभियान चल रहा था लेकिन इसके बाद भी जिला कलक्ट्रेट के कुछ दूरी पर जगदीश तिराहे के पास अवैध खनन सामग्री लदे वाहन खड़े रहते हैं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां चौराहे पर प्रतिदिन 20 से 25 ट्रेक्टर-ट्रॉली आकर खड़े होते हैं लेकिन इनकी किसी तरह की जांच नहीं होती है। बता दें कि धौलपुर शहर के आसपास कोई पत्थर निकालने की लीज नहीं है। लेकिन इसके बाद भी यहां चौराहे पर जमकर खंडा लदी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां पहुंच रही हैं। वहीं, अभियान के दौरान चंबल की प्रतिबंधित बजरी निकासी पर कोई असर नहीं दिखा। बजरी लदे वाहन सडक़ों पर दौड़ते नजर आए।
खनन विभाग पर लाचार, फोरमैन तक नहीं अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की मुख्य जिम्मेदारी खनन विभाग पर है लेकिन यह विभाग स्वयं को खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में लाचार बता रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अगर वह किसी को औचक रोकतें हैं तो खनन माफिया के लोग झगड़ा और मारपीट पर उतर आते हैं। एक दफा कार्रवाई के दौरान खनन विभाग की टीम को गांव में घेर लिया और पथराव कर वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता पहुंचने पर कार्मिक बच पाए। विशेष बात ये है कि खनन विभाग के पास स्टाफ की कमी है। यहां तक फोर मैन भी नहीं है। कार्रवाई के लिए सीधे खनि अभियंता को मौके पर जाना पड़ता है। अभियान के दौरान भी बाहर से फोरमैन की यहां ड्यूटी लगी थी।
अवैध खनन के खिलाफ अभियान के दौरान बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई है। करीब 18 लाख रुपए जुर्माना वसूला और 50 मुकदमे दर्ज हुए हैं। विभाग की ओर से कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
– महेश चंद मंगल, खनि अभियंता, खनिज विभाग धौलपुर