कृषि उपज मंडी में सुबह से लेकर शाम तक मंडी में आढ़तियों के दुकान पर ट्रेक्टर-ट्रालियों की भीड़ लगी रहती है। जिससे मंडी में फसल आने से गुलजार बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार कृषि उपज मंडी में जमे कथित कर्मचारियों और बिचौलियों के बीच तालमेल होने से लंबे समय से लाखों रुपए के टैक्स चोरी का खेल चल रहा है। मंडी आने वाले किसानों की फसल बाहर ही खरीदी हो रही है। इससे मंडी में आवक कम हो गई है। मंडी परिसर के अलावा बाहर आढ़तियों के कांटे संचालन पर रोक लगी हुई है। ये बिना लाइसेंस के कांटे संचालित हो रहे हैं। शहर में काली माई मंदिर के पास तीन से चार कांटे लगे हुए हैं। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी सडक़ किनारे आढ़तियां बैठकर किसानों की फसल खरीद रहे हैं। जो किसानों के ट्रेक्टर को रोक मोलभाव कर फसल खरीद रहे हैं। वहीं मंडी में पहुंचने वाले किसानों के टे्रक्टर गेट पर ही बिचौलियां किसानों को बाहर बिक्री कर तुरंत भुगतान का झांसा देकर बाहर ले जा रहे हैं। इसके साथ ही सरकार को लाखों के राजस्व की चपत लग रही है।
क्षमता से ज्यादा खरीद रहे अनाज शहर में फुटकर व्यापारी 9 क्ंिवटल 90 किलो ग्राम से ज्यादा अनाज नहीं खरीद सकते हैं। लेकिन यहां हर दिन भारी मात्रा में खरीदी कर स्टॉक किया जा रहा है और कर्मचारियों की सांठगांठ के चलते कार्रवाई नहीं होती है। यहां तक कि फुटकर व्यापारी मंडी के बाहर भी अनाज की खरीदी कर रहे हैं।
एक नजर में मंडी के आंकड़े – मंडी में कुल दुकानें 60-70 – वर्तमान में गेट 02 – कुल ब्लॉकों की संख्या 06 – गेट पर तैनात गार्ड की संख्या 0
– नीलामी स्थल पर मौजूद रहने वाले गार्ड की संख्या 0 – मंडी में एक साल में कितना राजस्व लगभग 68 लाख ——- केस 1: शहर में काली माई रेलवे फाटक के पास शनिवार सुबह करीब 11.20 पर पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो यहां पर एक आढ़ती किसानों की फसल की खरीद हो रही थी। जो मंडी में किसान जाते समय उनको तुरंत भुगतान करने का झांसा देकर रोक लिया था। जो सैकड़ों क्विंटल सरसों की खरीद कर टैक्स चोरी कर रहे थे।
केस 2: शहर में राजाखेड़ा ओवर ब्रिज के पास उमीद नगर में संचालित फसल खरीद का कांटा लगा हुआ था। शनिवार सुबह 11.35 पर यहां पर खरीद हो रही थी। किसानों के ट्रेक्टर-ट्रॉली तुलाई के लिए लगा हुई थी। जो मंडी के बाहर खरीदकर टैक्स चोरी कर रहे थे।
मंडी के बाहर व्यापारी के दुकानों की जानकारी मिली है। मंडी से बिचौलिया फसल से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉली ले जाते हैं, जो बाहर खरीद करते हैं। कर्मचारियों के कमी होने से समस्या आ रही है। लाइसेंस आढ़ती भी टैक्स नहीं दे रहे हैं। वहीं बाहर बिना लाइसेंस के खरीद होने की जानकारी मिली है। जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
– कैलाश चंद्र मीणा, सचिव कृषि उपज मंडी धौलपुर