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धौलपुर

हर तरफ नाले ओवरफ्लो, आखिर सफाई चल किधर रही…

कहीं सडक़ पर जमा हो रहा गंदा पानी, कहीं गंदगी से जाम नाला

– शहर में नालों की सफाई का मामला

धौलपुरJun 05, 2024 / 06:18 pm

Naresh

– कहीं सडक़ पर जमा हो रहा गंदा पानी, कहीं गंदगी से जाम नाला

– शहर में नालों की सफाई का मामला

धौलपुर. नगर परिषद क्षेत्र में नालों की सफाई अब अजूबा बनती जा रही है। शहर में जिधर भी देखो नाले और नलियां गंदगी से अटे पड़े हैं। नालों से गंदा पानी बाहर सडक़ पर जमा हो रहा है। कहीं पर नाले पूरी तरह से जाम हैं और लम्बे समय से इनकी सफाई की सुध तक नहीं ली है। ये हाल तब है जब दो दिन पहले जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने समीक्षा बैठक में नगर परिषद अधिकारियों को नाले सफाई कार्य में बरती जा रही लापरवाही के लिए चेताया था। लेकिन लगता है ये निर्देश बैठक के बाद हवा-हवाई हो गए। नगर परिषद प्रशासन का नालों की सफाई पर ध्यान क्यूं नहीं है, ये बात समझ से परे हैं। पिछले साल भी नालों की सफाई पर तत्कालीन जिला कलक्टर ने जमकर खरीखोटी सुनाई लेकिन फिर भी हालात जस की तस बने हुए हैं।
गंदगी भरी पड़ी, सिल्ट से रुका नाला

शहर में ज्यादातर नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। कई नालों में तो सिल्ट भरी पड़ी है। संवेदक के सफाई कर्मी केवल नाले में ऊपर से गंदगी हटाकर इतिश्री कर रहे हैं। यहां आरएसी लाइन के पास नाले गंदगी से भरे पड़े हैं। इसी तरह पुराना रिसाला चौक का नाला बंद पड़ा है। इसके अलावा भामतीपुरा, स्टेशन रोड, अग्रवाल धर्मशाला के पीछे, गडरपुरा नाला, जगन तिराहे से कोर्ट कैम्पस की तरफ आ रहा नाले अभी तक छूए तक नहीं हैं। जबकि मानसून की गाड़ी लगातार आगे बढ़ रही है। सफाई की ये ही कछुआ चाल रही तो लगता नहीं कि नालों की सफाई तय समय में हो पाएगी।
आखिर कौन दिखा रहा मेहरबानी?

नालों की सफाई की आखिरकार मॉनिटरिंग क्यूं नहीं हो पा रही है, ये रहस्य बना हुआ है। आखिरकार नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी सफाई कार्य का निरीक्षण क्यूं नहीं कर रहे हैं। बता दें कि नगर परिषद ने इस दफा शहरी क्षेत्र में नालों की सफाई का करीब 55 लाख रुपए का ठेका दिया है। जबकि बीते वर्ष देरी से हुआ ठेका करीब 68 लाख रुपए का था। वहीं, ठेका लेने वाली फर्म इस बार भी पुरानी वाली है। बता दें कि पिछले सफाई ठेका को लेकर तत्कालीन जिला कलक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने तत्कालीन आयुक्त, मुख्य सफाई निरीक्षक और अधिशासी अभियंता को चैम्बर में बुलाकर नाराजगी जताई थी। साथ ही उन्होंने फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने और एक कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस चेतावनी के बाद भी कोई खास असर नहीं दिखा।

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