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धौलपुर

बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव, झोलाछापों की शरण में मरीज

– सरमथुरा अस्पताल में 8 चिकित्सक और 8 मेलनर्स के पद खाली

धौलपुरFeb 13, 2024 / 11:32 am

Naresh

 Lack of basic medical facilities, patients taking refuge in quacks

बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव, झोलाछापों की शरण में मरीज

dholpur,सरमथुरा. कस्बे में अस्पताल की इमारत तो बनी हैं लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते लोग झोलाछाप चिकित्सकों की शरण में पहुंच रहे हैं। सरमथुरा अस्पताल की हालत खराब है। अस्पताल वेंटिलेटर पर है। इलाज के नाम पर लोगों को सिर्फ तसल्ली ही मिल रही है। अस्पताल में 8 चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। वही 8 मेलनर्स के पद खाली हैं। अगर व्यवस्थाओं की बात करे तो फीमेल वार्ड तक अलग नहीं है। वार्डों में वार्ड बॉय तक का अभाव है, यही नहीं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है जो मार्च में रिटायर्ड हो जा रहा है। जबकि 50 हजार की आबादी पूरी तरह इस अस्पताल पर निर्भर है। अस्पताल में प्रतिमाह 100 के करीब प्रसव होते हैं। वही प्रतिदिन 600 से अधिक लोग इलाज कराने आते हंै। अस्पताल में समुचित व्यवस्था नही होने के कारण मरीज झोलाछाप चिकित्सकों की शरण में जाने के लिए मजबूर है।
अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नही होने के कारण स्वास्थ्य विभाग की सुविधाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हो गई है। साथ ही सरकार ने प्रसुताओं के लिए कई योजनाएं भी चला रखी है लेकिन सरमथुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सुविधाओ का अभाव होने से महिलाएं प्रसव कराने से कतराने लगी हैं। जबकि समीपवर्ती करौली जिला के कई गांवों तक की प्रसूताएं अस्पताल में आती हैं। गंभीर अवस्था में प्रसूताओं को आनन फानन में सिर्फ रैफर कर दिया जाता है जिससे जच्चा व बच्चा दोनों के लिए खतरा पैदा हो जाता है। अस्पताल में मरीजों के भार के अनुसार चिकित्सक नही होने से लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ भी नही मिल रहा है।
चार चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल, एक भी विशेषज्ञ नहीं

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरमथुरा पर शहर सहित पवैनी, वीझौली, गौलारी, मदनपुर, झिरी, डौमई, चंद्रावली, मढासिल ग्राम पंचायत के लोग पूरी तरह निर्भर है लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों के अभाव में स्वास्थ्य सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है। अस्पताल में सिर्फ चार चिकित्सक तैनात है जो नियमित सुबह, शाम व रात में व्यवस्थाओं को संभाले हुए है। जबकि स्वास्थ्य केन्द्र पर सरकार ने सर्जरी, गायनी, अस्थिरोग, शिशुरोग सहित मेडिसिन विभाग के चिकित्सक सहित 12 चिकित्सकों के पद स्वीकृत किया हुआ है। अस्पताल मे एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नही है। जिसका खामियाजा लोगो को भुगतना पड़ रहा है।सरमथुरा में चिकित्सकों की खदान
जिला में सरमथुरा को पत्थर की खदानों के लिए मशहूर माना जाता है लेकिन हकीकत यह है कि सरमथुरा में पत्थर के साथ साथ डॉक्टरों की भी खदान है। अकेले सरमथुरा उपखंड से करीब 500 चिकित्सक दिल्ली सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपनी सेवाएं दे रहे हंै। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से लेकर जयपुर का एसएमएस अस्पताल तक में सरमथुरा के चिकित्सक सेवा दे रहे हैं। जबकि सरमथुरा का अस्पताल चिकित्सकों के अभाव में बदहाली के आंसू बहा रहा है।
– अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण अस्पताल की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। अस्पताल में केवल चार चिकित्सक तैनात हैं। जो लगातार अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हंै। कई बार उच्च अधिकारियों को लिखित में अवगत करा दिया गया है।- डॉ.जीएल मीणा, अस्पताल प्रभारी सरमथुरा

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