इस दुकान पर क्या मिलता है। अतिक्रमण की स्थिति यथावत हो जाती है। शहर में जहां सडक़ों पर दुकानें सजायी जाती है। वहीं पैदल चलने वाले रास्ते पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। आपको शहर के तोप तिराहे से लेकर सब्जी मंडी तक का हाल बताते है। वैसे तो यह रोड नृसिंग रोड के नाम से जाना जाता है। लेकिन यहां अतिक्रमण होने के कारण आपको निकलने तक का रास्ता नहीं मिलेगा। अगर किसी के साथ कोई इमरजेंसी होती है। तो वह इस मार्ग पर आकर फंस जाएगा। लेकिन अस्पताल नहीं पहुंच पाएगा। सडक़ के दोनों तरफ इतना अतिक्रमण फैल चुका है। कि पैदल चलने वाले लोग जाम के बीच निकलने को रास्ता तालाशते है। अतिक्रमण से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद फेल साबित हो रही हैं।
जाम के बीच मार्ग तलाशते रहते हैं राहगीर शहर के विभिन्न मार्गों में अतिक्रमण के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं ऑटो व ई-रिक्शा वाले भी सिकुडते मार्ग के बीच और जाम की स्थिति बना देते है। यहां पहले से ही सडक़े अपना स्वरूप खोती जा रही है। उधर से बाजार में पहुंचकर जाम लगा देते है। सडक़ के दोनों तरफ दुकानदार अपने वाहनों को और खड़ा कर देते है। जिससे सडक़ पर चलने के लिए जगह बचती ही नहीं है। राहगीरों को पैदल चलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर हर साल होती है खानापूर्ति-शहर के अतिक्रमण को हटाने के नाम पर यूं तो हर साल कार्रवाई की जाती है। किंतु वह कार्रवाई महज एक खानापूर्ति बनकर रह जाती है। पिछले तीन साल से तो नगर परिषद ने कोई कार्रवाई की नहीं है। जिससे अतिक्रमण हटाओ अभियान केवल अब खानापूर्ति रह गया है। अगर जिला प्रशासन शहर के बाजार की सडक़ो पर निकले तो शायद उनको मालूम पड सके कि यहां आने वाले लोगों कितनी समस्या उठानी पड़ रही है। शहर के फुटपाथों तथा सडक़ों पर अतिक्रमणकारियों ने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। उनको किसी भी अधिकारी का डर नहीं है।
शहर में अतिक्रमण बढऩे की जानकारी मिल रही है। इसको लेकर नगर परिषद के आयुक्त किंगपाल राजोरिया को कार्रवाइ के लिए बातचीत हो गई है। जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई होगी। – मनीष जाटव, एसडीएम धौलपुर