scriptजिन प्रतिमा ने दिया जैन तीर्थ सर्किट से जुडऩे का अवसर | The statue that gave an opportunity to join the Jain pilgrimage circui | Patrika News
धौलपुर

जिन प्रतिमा ने दिया जैन तीर्थ सर्किट से जुडऩे का अवसर

धौलपुर. जिले के एक गांव में गत दिनों खुदाई में निकली एक जिन प्रतिमा ने धौलपुर को जैन तीर्थ सर्किट से जुडऩे का अवसर प्रदान किया है। इसके प्रति जिला प्रशासन सहित जिले का जैन समाज गंभीर प्रयासों में जुट गया है। जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने इसकी सूचना मिलते ही मौके का निरीक्षण कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निदेशक को विभागीय क्यूरेटर भेज कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

धौलपुरMay 18, 2020 / 05:46 pm

Naresh

The statue that gave an opportunity to join the Jain pilgrimage circui

जिन प्रतिमा ने दिया जैन तीर्थ सर्किट से जुडऩे का अवसर

जिन प्रतिमा ने दिया जैन तीर्थ सर्किट से जुडऩे का अवसर
धौलपुर. जिले के एक गांव में गत दिनों खुदाई में निकली एक जिन प्रतिमा ने धौलपुर को जैन तीर्थ सर्किट से जुडऩे का अवसर प्रदान किया है। इसके प्रति जिला प्रशासन सहित जिले का जैन समाज गंभीर प्रयासों में जुट गया है। जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने इसकी सूचना मिलते ही मौके का निरीक्षण कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निदेशक को विभागीय क्यूरेटर भेज कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर जैन समाज के एक प्रतिनिधि मण्डल ने समाज के अध्यक्ष हीरालाल के नेतृत्व में रविवार को भी जिला कलक्टर से भेंट कर खुदाई में निकली जिन प्रतिमा को उन्हें दिलाने पर विश्व कल्याण के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमण्डल में समाज के मंत्री टीकमचंद, आदिनाथ दिगम्बर जैन धर्मशाला के अध्यक्ष गिरीश, मंत्री प्र्रदीप आदि शामिल थे। समाज के प्रवक्ता धनेश जैन ने बताया कि यह प्रतिमा प्रथम तीर्थकंर आदिनाथ की है, जिन्हें ऋषभदेव भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यदि यह प्रतिमा उन्हें मिल जाती है, तो समाज इसका एक विशाल मंदिर धौलपुर में बनाकर जिले को महावीरजी-सोनागिर तीर्थ सर्किट से जोडऩे का प्रयास करेंगे। करौली जिले में स्थित महावीरजी तथा मध्यप्रदेश दतिया जिले में स्थित सोनागिर समाज के प्रतिष्ठित व प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। दोनों ही तीर्थ स्थल धौलपुर से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की समान दूरी पर स्थित हैं तथा ये काफी छोटे से कस्बे होने के बावजूद इन तीर्थस्थलों के चलते ख्याति प्राप्त हैं। इन दोनों ही स्थानों पर समाज के श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में आवगमन होता है, जिसके लिए विशेष बसें भी राजस्थान रोडवेज द्वारा संचालित की जाती हैं। उधर जिला प्रशासन ने भी इस जिन प्रतिमा की सुरक्षा के लिए प्रबंध किए हैं। जिला कलक्टर भी एएसआई की भोजपुर गांव में मिले अवशेषों के संबंध में पेश की जाने वाली कार्यवाही रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहा है। इसी आधार पर जिला प्रशासन आगे की अपनी रणनीति बनाएगा। भोजपुर गांव में कुछ वर्ष पूर्व भी कुछ इसी प्रकार की जिन व अन्य प्रतिमाएं भी खुदाई में इसी स्थान पर मिली थी। पूर्व में प्राप्त प्रतिमाएं भोजपुर के विद्यालय में वर्तमान में रखी हुई हैं।
भोजपुर गांव में खुदाई में मिली प्रतिमा प्रथम तीर्थकंर ऋषभदेव की है, जिसे प्राप्त करने के लिए समाज ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है। मिलने पर समाज ने भव्य मंदिर का निर्माण कराने का आश्वासन दिया है।
हीरालाल अध्यक्ष जैन समाज
इस संबंध में एएसआई को पत्र भेजा है तथा दूरभाष पर भी शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही किए जाने को कहा गया है। इनकी रिपोर्ट प्राप्त होते ही आगे की रणनीति तय की जाएगी तथा प्रतिमा की सुरक्षा के प्रबंध भी किए गए हैं।
राकेश कुमार जायसवाल जिला कलक्टर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो