फाइबर फूड बचाता है दिल के दौरे से
ब्रिटेन के एक मेडिकल जर्नल में छपे शोध के अनुसार ऐसे रोगी जो दिल का दौरा आने के बाद जल्द रिकवरी चाहते हैं वे फाइबरयुक्त फूड (केला, सेब, गाजर, मूली, चोकर युक्त आटे की रोटी) खाएं। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ की इस स्टडी के अनुसार यदि आहार में रेशे की मात्रा रोज 10 ग्राम बढ़ाई जाए तो मौत का खतरा 15 फीसदी तक घट जाता है।
भुलक्कड़ बना सकता है थोड़ा सा भी मोटापा
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के नए शोध के अनुसार अधिक वजन से न सिर्फ व्यक्ति आलसी हो जाता है बल्कि उसकी याददाश्त पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अल्जाइमर जैसी बीमारी के लिए भी मोटापा सबसे बड़ा कारण है। वजन बढऩे के साथ ही व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर और इंसुलिन के अनियंत्रित होने की समस्या बढ़ जाती है। इसकी वजह से खाने की आदतों में भी फर्क पड़ता है जिससे दिमागी कार्य प्रभावित होता है।
घरेलू कामकाज से जिमिंग जैसा फायदा
वैज्ञानिकों के अनुसार जो महिलाएं घरेलू कामकाज खुद करती हैं वे जिम न जाने या वर्कआउट न करने के लिए अपराधबोध महसूस न करें। 17 देशों के एक लाख 30 हजार अमीर और गरीब तबके के लोगों पर रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि बागवानी, कपड़े धोना या साफ-सफाई करना भी जिम जाने जैसा ही वर्कआउट है। दुनिया में होने वाली 12 में से 1 मौत को 30 मिनट के फिजिकल वर्कआउट से 5 साल तक टाला जा सकता है।