सोने से पहले 3-4 कालीमिर्च चबाकर उसके बाद गुनगुना दूध पीने से जुकाम में आराम मिलता है।कालीमिर्च और बताशे को पानी में उबालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है और दिमाग भी हल्का होता है। इसके अलावा कालीमिर्च को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है। चाय-दूध में काली मिर्च मिलाकर पीने से सर्दी से सीने में होने वाला दर्द ठीक होता है। सुबह गर्म पानी के साथ काली मिर्च के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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विटामिन सी, ए, फ्लेवनॉयड्स, कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण इसका सेवन कैंसर का रिस्क कम करता है। दिन भर की डाइट में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर का इस्तेमाल पर्याप्त है। काली मिर्च में मौजूद तत्व पेपरीन पाचन को ठीक रखने में मदद करता है। यह डायरिया, कॉन्स्टिपेशन और एसिडिटी से आराम दिलाने में मदद करती है। वजन घटाने में यह मददगार है। इसमें मौजूद पोटेंटफाइटोन्यूट्रियंट नामक तत्व फैट्स कोशिकाओं को तोडऩे का प्रयास करता है।
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बालों में रूसी की समस्या भी यह दूर करती है। एक कप दही में काली मिर्च पाउडर मिलाएं और सिर में लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। फिर पानी से साफ करें और अगले दिन शैंपू करें। कफ की समस्या से भी काली मिर्च का सेवन बचाव करता है। काली मिर्च का इस्तेमाल सूप या रसम में करके कफ की समस्या को दूर किया जा सकता है। अपच, दस्त, कब्ज आदि को दूर करने के लिए काली मिर्च श्रेष्ठ औषधि है। काली मिर्च के सेवन से हाइड्रोक्लोरिक एसिड संतुलित रहता है। यह एसिड पेट की पाचन क्रिया स्वस्थ रखता है, जिससे भोजन सामग्री को पचाने में सहायता मिलती है।