scriptHealth News: जानें किन धातुओं के बर्तनों में पका हुआ खाना सेहत के लिए होता है गुणकारी, यहां पढ़ें | Know which metal utensils cooked food is beneficial for health | Patrika News
डाइट फिटनेस

Health News: जानें किन धातुओं के बर्तनों में पका हुआ खाना सेहत के लिए होता है गुणकारी, यहां पढ़ें

Health News: बर्तनों में खाना पकाने और खाने से भी शरीर पर उसका प्रभाव पड़ता है। पुराने समय में घरों में सबसे अधिक चांदी, पीतल और लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल

Aug 30, 2021 / 11:37 pm

Deovrat Singh

health tips
Health News: बर्तनों में खाना पकाने और खाने से भी शरीर पर उसका प्रभाव पड़ता है। पुराने समय में घरों में सबसे अधिक चांदी, पीतल और लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल होता था जिनमें मौजूद सूक्ष्म तत्त्व (माइक्रो-एलिमेंट) खाने के साथ शरीर में जाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं। ये बर्तन जिन तत्त्वों से बनते हैं वो जमीन के भीतर से निकालकर तैयार किए जाते हैं जिनमें सभी तरह के गुण होते हैं जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
खास बात ये है कि इन धातुओं से बने बर्तनों में खाना पकने या खाना खाने से शरीर के भीतर जो भी दूषित तत्त्व होते हैं बाहर निकल जाते हैं। इन धातुओं से बने बर्तनों में मौजूद तत्त्व शरीर में जाकर सकारात्मक असर दिखाते हैं। ध्यान रखने वाली बात यह है कि मौजूदा समय में इस्तेमाल होने वाले स्टील और एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने या खाने से इनमें मौजूद तत्त्व भी शरीर के भीतर जाते हैं जिससे शरीर का भीतरी संतुलन खराब होता है। इसका नकारात्मक असर शरीर पर लंबे समय बाद दिखाई पड़ता है।

यह भी पढ़ें

पके हुए करौंदे का रस दिल की बीमारी में देगा राहत, जानें कैसे करें इसका सेवन

मिट्टी के बर्तन : शीतलता
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से खाने के पोषक तत्त्व नष्ट नहीं होते हैं। सुराही का पानी शीतल होने के कारण प्यास बुझाता है और नुकसान नहीं करता। साथ ही पाचन क्षमता बेहतर करता है। इन पर बना खाना खाने से शरीर में हानिकारक तत्त्व नहीं जाते हैं।
लोहा : एनीमिया से राहत
लोहे के बर्तन में बना खाना खाने से शरीर में खून व आयरन की कमी नहीं होती। इन बर्तनों में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है जो खाने में मिलकर संतुलित रूप में शरीर में पहुंचता है। ऐसे लोग जिनमें आयरन की कमी है खासकर महिलाएं लोहे के बर्तनों में बना खाना जरूर लें। सब्जी लोहे की कढ़ाई में बनाई जाए तो पोषक तत्त्वों की पूर्ति होगी।

यह भी पढ़ें

अनियमित नींद बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायी

पीतल: पाचनतंत्र दुरुस्त
पीतल कॉपर और कांसा का मिश्रण होता है। इस बर्तन में तेज आग पर जब खाना बनता है तो इस मेटल के तत्त्व खाने में आ जाते इस कारण खाना लंबे समय तक सुरक्षित रहता है। पीतल के लोटे में पानी पीने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे के साथ मन-मस्तिष्क शांत और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। पुराने समय में पूजा-पाठ में पीतल के बर्तनों का प्रयोग किया जाता था क्योंकि इन्हें पवित्र माना जाता है।
पत्ते में खाना पकाने के फायदे
पत्ता सबसे शुद्ध होता है जिसमें किसी भी तरह का दूषित तत्त्व नहीं होता है। हरे केले के पत्ते में गरम खाना खाने से उसमें मौजूद हैल्दी बैक्टीरिया खाने के साथ मिलकर पेट में जाते हैं। ये आंतों को मजबूत बनाने के साथ उसकी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं। पत्ते में खाना पकाने के भी बहुत फायदे हैं। हल्दी, केले और दूसरे पौधों के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इन पत्तों में लपेटकर खाना पकाया जाए तो वो बहुत हैल्दी और टेस्टी होता है। इन पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर में जाकर पाचन तंत्र को ठीक करते हैं। साथ ही उस खाने में जो पानी इस्तेमाल होता है उसे शुद्ध करने का काम करते हैं।

यह भी पढ़ें

रोजाना 2 चम्मच अलसी का सेवन सेहत के लिए है बेहद फायदेमंद

चांदी : हड्डियां मजबूत
चांदी भी शुद्ध होती है। इसके बर्तनों में खाना खाने से इसमें मौजूद तत्त्व आसानी से शरीर में पहुंच जाते हैं। ये तत्त्व शरीर की हड्डियों से लेकर मांसपेशी और रोग प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित रखते हैं। कोई तत्त्व जो शरीर की इम्युनिटी घटाता उसे चांदी में मौजूद सूक्ष्म तत्त्व रोकने या खत्म करने का काम करते हैं। साथ ही रक्तसंचार बेहतर करते हैं।
सोना : मन सेहततंद
सोना खरा और शुद्ध होता है। सोने के बर्तन में खाना खाने से इस मेटल में मौजूद सूक्ष्म तत्त्व शरीर जाते हैं और बॉडी को मजबूत बनाने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ये भी कहा जाता है कि सोने के बर्तन में खाने से मन-मस्तिष्क सेहततंद रहता है और व्यक्ति ऊर्जावान रहता है।

यह भी पढ़ें

इन फलों के छिलको में छिपे हैं कई औषधीय गुण, जानें सेहत के लिए कितने गुणकारी

तांबा : बीपी नियंत्रित
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से यूरिन और पसीने के माध्यम से शारीरिक शोधन होता है। इस धातु में मौजूद तत्त्व पानी को शीतल बनाने के साथ साफ भी करने करते हैं। सुबह तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में स्फूर्ति महसूस होती है। नियमित ऐसा करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और पेट संबंधी विकार भी दूर होते हैं।
इन बर्तनों में नहीं खाते तो ये करें…
सोने, चांदी, तांबे, पीतल व लोहे के बर्तन में बना या परोसा खाना नहीं खाते हैं तो साल में एक बार आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से ‘शोधन थैरेपी’ ले सकते हैं। ये थैरेपी ऋतु के हिसाब से दी जाती हैं। इसकी मदद से शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकाल कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। थैरेपी के निम्न हिस्से हैं…

यह भी पढ़ें

गैस की तेज आंच भी हो सकती है महिलाओं के चहरे पर झाइयां पड़ने का कारण

वस्ती
गुदा मार्ग से औषधि प्रवेश कराकर शरीर के दूषित तत्त्वों को बाहर निकालते हैं। ये थैरेपी मुख्य रूप से वर्षा के बाद या मध्य में दी जाती है।

विरेचन
दस्त के माध्यम हानिकारक तत्त्वों को बाहर निकालते हैं। यह थैरेपी आमतौर पर सर्दी की शुरूआत में देते हैं।
वमन
उल्टी कराकर शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालते हैं। ये शोधन प्रक्रिया आमतौर पर वसंत ऋतु में की जाती है।

Home / Health / Diet Fitness / Health News: जानें किन धातुओं के बर्तनों में पका हुआ खाना सेहत के लिए होता है गुणकारी, यहां पढ़ें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो