क्यों जरूरी : नई कोशिकाओं व लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। इसकी कमी से गर्भस्थ शिशुओं में स्पाइनल कॉर्ड की दिक्कत हो सकती है।
कितनी जरूरत : प्रतिदिन अधिकतम 0.001 ग्राम फोलिक एसिड ले सकते हैं। गर्भवती महिलाएं 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड ले सकती हैं।
स्रोत : ब्रीन्स, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, मशरूम, राजमा, अनाज, पपीता, स्ट्रॉबेरी।
कितनी जरूरत : महिलाओं को करीब ०.३ ग्राम व पुरुषों के लिए ०.35 ग्राम रोजाना जरूरत होती है। इसकी कमी से हार्ट अटैक, भू्रण का विकास नहीं होता।
स्रोत : सूखे मेवे, पत्तेदार सब्जियां, कीवी, एवोकाडो दही, ओट्स मूंगफली और सोया मिल्क में।
क्यों जरूरी : हृदय को सही तरह से कार्य करने, हड्डियों, पाचन क्रिया रखने, मांसपेशियों के संकुचन को रोकने व हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। हाइ बीपी को कम करता है।
कितनी जरूरत : वयस्कों के लिए करीब 4.७ ग्राम प्रतिदिन।
स्रोत: केला, एवोकाडो, मूंगफली, बादाम, मूंगफली, संतरा, गाजर, टमाटर, शकरकंद, चुकंदर, आलू, खजूर, दही, व दूध।
क्यों जरूरी : यकृत के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह अच्छा एंटीऑक्सिडेंट है। विभिन बीमारियों में बचाव होता है। रोग प्रतिरोधकता बढ़ाता है।
कितनी जरूरत : इसकी कमी से हृदय रोग, आर्थराइटिस, यकृत रोग, अल्जाइमर और थाइरायड की दिक्कत बढ़ती है। .055 मिग्रा प्रतिदिन लेना चाहिए।
स्रोत : अंडा, मांस, दूध, व दूध से बने पदार्थ, सन फ्लावर सीड, मशरूम, चिया सीड, ब्राउन राइस, आलसी व तिल के बीज, ब्रोकली, पत्ता गोभी, पालक, मशरूम, ओट्स , काजू आदि।
क्यों जरूरी : आंखों की रोशनी, रोग प्रतिरोधकता व कोशिकाओं के विकास के लिए जरूरी है।
कितनी जरूरत : बीटा-कैरोटीन एक एंटी-ऑक्सीडेंट और इम्यून सिस्टम बूस्टर के रूप में काम करता है। इसे तीन से छह मिग्रा. रोजाना लेना चाहिए।
स्रोत : गाजर, पालक, टमाटर, सलाद पत्ता, शकरकंदी, ब्रोकली, सीताफल, खरबूजा, पपीता, आम, मटर, गोभी, लाल-पीली शिमला मिर्च आदि में।
– डॉ. वैशाली सोनी, क्लिीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, बीकानेर